Satlok Ashram Bhiwani (Haryana) | पृथ्वी पर साक्षात अमर सनातन धाम- सतलोक आश्रम भिवानी

भारत के हरियाणा राज्य के भिवानी जिले में सभी आडंबरों से दूर, सतलोक आश्रम भिवानी एक ऐसा आश्रम है जहां परमात्मा प्राप्ति के प्रबल मुमुक्षु निशुल्क रहकर सही साधना विधि जानकर अपने जीवन का लक्ष्य पूरा करते हैं। सत्य साधना करके मनुष्य अपने सभी पाप कर्मों को कटवाकर इस लोक में सुख पूर्वक जीवन पूरा करके पूर्ण मोक्ष को प्राप्त होता है। परमार्थ का भी अनमोल उदाहरण है सतलोक आश्रम भिवानी। कोरोना काल में जब पूरा भारत लॉकडाउन में था, ऐसे कठिन समय में सतलोक आश्रम भिवानी ने हरियाणा में फंसे हजारों मजदूर भाईयों के लिए ठहरने, भंडारे, स्नान, शौचालय की व्यवस्था निशुल्क की। सतलोक आश्रम भिवानी में आध्यात्मिक प्रतिभा से परिपूर्ण उन्नत मार्गदर्शक सतगुरु, शास्त्र सम्मत मूलभूत आध्यात्मिक सिद्धान्त सिखाते हैं जो विश्वभर में चर्चित हैं। आइए जानते हैं यहां पर उपलब्ध सुविधाओं के बारे में विस्तार से ।

कबीर प्रकट दिवस की अद्भुत जानकारी

गरीब, अनंत कोटि ब्रह्मांड में, बंदी छोड कहाय। 

सो तौ एक कबीर हैं, जननी जन्या न माय।।

परमेश्वर कबीर जी के प्रकट दिवस पर सतलोक आश्रम भिवानी (हरियाणा) में होने वाले तीन दिवसीय महासमागम का आमंत्रण सर्व भिवानी वासियों सहित पूरे विश्व को दिया जा रहा है। इस कार्यक्रम का न्यू अपडेट प्राप्त करने के लिए क्लिक करें

सतलोक आश्रम भिवानी  

प्रभु के प्यासे भक्त परमात्मा प्राप्ति की प्रबल इच्छा से पूजा करने को सदैव लालायित रहते हैं। सतलोक आश्रम भिवानी एक ऐसा स्थान है जहां परमात्मा प्राप्ति के लिए की जाने वाली आध्यात्मिक साधना क्रियाएं पाठ, यज्ञ, तप और जप जानने और सीखने की सुविधायें सुलभ हैं। सतलोक आश्रम भिवानी में साधना के लिए अनुकूल वातावरण है जहां सभी आयु के भाई – बहन सतज्ञान व सदाचार की साधना अपने जीवन में उतारते हैं। आश्रम से जीने की राह जानकार बाहर जाने के उपरांत भक्तजन दैनिक कार्यों में जुटे रहकर भी साधना करते हुए अपने मानव जीवन के लक्ष्य को प्राप्त करते हैं।

कैसा है सतलोक आश्रम भिवानी?

यह  आश्रम ऐसा है  जहां सभी आडंबरों से दूर रहते हुए छुआछूत, जाति पाति, ऊँच नींच से दूर उदात्त मानवीय मूल्यों का पालन होता है। सतलोक आश्रम भिवानी में आकर सभी आनंद महसूस करते हैं। आश्रम 4 एकड़ भूमि में फैला हुआ है। यह आश्रम शहर की चकाचौंध से दूर अपनी सादगी और पवित्रता के लिए जाना जाता है। यहाँ आने जाने वाला प्रत्येक व्यक्ति सभ्य, शिष्ट, शांत, सुशील और साधारण नजर आता है। इस आश्रम में सभी सरकारी नियमों और विशेषकर कोविड-19 प्रोटोकॉल का अक्षरतः पालन किया जाता है।  

कैसे पहुंचे सतलोक आश्रम भिवानी?

संत रामपाल जी महाराज की प्रेरणा से भारत के हरियाणा राज्य के भिवानी नगर मे सतलोक आश्रम भिवानी है। सतलोक आश्रम भिवानी महम – भिवानी मुख्य मार्ग (हरियाणा राज्य राजमार्ग 16A) से मात्र 400 मीटर की दूरी पर स्थित है। यह आश्रम भिवानी जंक्शन रेल्वे स्टेशन से 6.1 किलोमीटर, भिवानी बस स्टैन्ड से 4.4 किलोमीटर और गुजरानी से 3.7 किलोमीटर दूरी पर है। इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट दिल्ली से आश्रम 117 किलोमीटर की दूरी पर है।

क्यों प्रसिद्ध है सतलोक आश्रम भिवानी?

आपको याद होगा कोरोना काल में जब पूरे भारत में लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई थी, उस समय उत्तर प्रदेश और बिहार के हजारों मजदूर हरियाणा राज्य में फंस गए थे। सरकारें असमंजस मे थीं कि कैसे उन्हें उनके मूल राज्यों में भेजें। ऐसे कठिन समय में जब सभी कोरोना के डर से अपने घरों में थे सतलोक आश्रम भिवानी ने अपनी  सुविधाओं को उन गरीब मजदूर भाईयों  के लिए खोल दिया। सभी के लिए आश्रम में ठहरने, भंडारे, स्नान, शौचालय की व्यवस्था निशुल्क की गई। 

जब सरकार ने उनके लिए बसों की उपलब्धता कराई तब उन्हे रास्ते के लिए भोजन भंडारा और पेय जल देकर सतगुरु रामपाल जी महाराज की पवित्र पुस्तक ज्ञान गंगा भेंट की गई। सरकार, प्रशासन और मजदूर भाईयों ने आश्रम में सेवा कार्यों में लगे सेवादारों की भूरी भूरी प्रशंसा की। साथ ही उनके सतगुरु का भी साधुवाद किया जिन्होंने अपने भक्तों को निर्भय निडर होकर निस्वार्थ सेवा कार्यों में लगने की प्रेरणा दी।               

सतलोक आश्रम भिवानी है सत साधना का सम्पूर्ण केंद्र 

सतलोक आश्रम भिवानी सत्य साधना करके मनुष्य जीवन के लक्ष्य को जानने और उसे पूरी तरह प्राप्त करने का सम्पूर्ण केंद्र है। साधक यहाँ आकर सत्य साधना के लिए आवश्यक सतज्ञान, सतभक्ति और सदव्यवहार को पूरी तरह से जीता है। पाठ, यज्ञ, तप और जप जैसी आध्यात्मिक क्रियाओं के वास्तविक महत्व को समझकर अभ्यास करता है। यहाँ पर वे सभी सुविधाएं साधक के लिए सुलभ होती हैं जिससे वह यहाँ रहकर भक्ति की पूर्णता को प्राप्त करता है। पृथ्वी पर यह साक्षात अमर सनातन धाम सतलोक है यहाँ चौबीसों घंटे अविरल भंडारा चलता है। यहां आकर भक्तों को सत्संग साधना के साथ निशुल्क भोजन, ठहरना, नहाना यहाँ तक कि कपड़े धोने के लिए साबुन इत्यादि सभी जरूरत की चीजें बिल्कुल मुफ्त प्रदान की जाती हैं। 

यही कारण है कि सच्चे श्रद्धालु बिना किसी चिंता के आश्रम में रहकर सत्य साधना करतें हैं। आश्रम की दिनचर्या आध्यात्मिक और नैतिक मूल्यों को विकसित करती है। आदि सनातन सतज्ञान के पुनरुत्थान के प्रति समर्पित यह आश्रम, भारत को विश्व में एक नई पहचान दिला रहा है।  यहां पर होने वाली आध्यात्मिक क्रियाएं विश्वभर में चर्चित बनी हुई हैं। आइए जानते हैं यहां पर उपलब्ध सुविधाओं के बारे में।

क्या-क्या सुविधाएं है सतलोक आश्रम भिवानी में?

सत्संग पंडाल

आश्रम में एक पंडाल है जहां पर भक्त आत्माएं बैठकर संत रामपाल जी महाराज का सत्संग श्रवण करती हैं। सत्संग द्वारा पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब प्रदत्त सूक्ष्मवेद और चारों वेदों (ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद तथा अथर्ववेद), अठारह पुराणों, ग्यारह उपनिषदों, गीता, कुरान, बाईबल (तौरेत, जबूर, इंजिल) शास्त्रों से प्रमाणित तत्वज्ञान को समझने के पश्चात् श्रद्धालु भक्त को कोई शंका नहीं रहती। इसप्रकार आश्रम में आए साधक भक्तगण सतगुरुदेव जी के सत्संग रूपी ज्ञान यज्ञ से अपने मनुष्य जीवन के मूल उद्देश्य को पहचानते हैं। भाईयों और माताओं बहनों के बैठने के लिए अलग अलग व्यवस्था हैं।   

नामदान स्थल

आश्रम में एक नाम दान स्थल है जहां पवित्र ग्रंथों से प्रमाणित सत भक्ति एवं सभी देवी देवताओं की शास्त्र अनुकूल साधना करने की पद्धति बताई जाती है।। जो श्रद्धालु तत्वदर्शी संत “संत रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान को समझ कर सत भक्ति करना चाहते हैं, वे सभी नियम व मर्यादा समझकर सतगुरुदेव जी से नाम दीक्षा लेते हैं। नाम दान स्थल में भाईयों और माताओं बहनों के लिए  क्रमशः भाई व बहन सेवादारों द्वारा अलग कक्षों में नाम दीक्षा दिलाई जाती है। 

प्रणाम स्थल

श्रीमद्भगवद गीता अध्याय 4 श्लोक 34, अध्याय 18 श्लोक 65 तथा अध्याय 9 श्लोक 14, 34 में जमीन पर मुख के बल लेटकर हाथों को सिर के आगे सीधा जोड़कर दोनों पैरों को भी जोड़कर डण्डे की तरह सीधा रहकर डण्डवत प्रणाम या नमस्कार केवल परम संत तथा पूर्ण परमात्मा को ही करना होता है। शास्त्र अनुकूल साधना के लिए एक प्रणाम स्थल बनाया गया है जहां पर सभी श्रद्धालुजन दंडवत प्रणाम कर सकते हैं। कबीर परमेश्वर जी ने समझाते हुए बताया है, सतगुरु की तरफ जितने भी कदम बढ़ाते हैं वह सभी एक एक यज्ञ का पुण्य फल देते हैं।

संत मिलन को चालिए, तज माया अभिमान ।

जो जो पग आगे धरे, त्यों त्यों यज्ञ समान।।

पुस्तकालय

सत्य ज्ञान का मुख्य स्रोत पूर्ण परमेश्वर द्वारा प्रदत्त सूक्ष्म वेद आध्यात्मिक ज्ञान का मूल ग्रन्थ हैं। सूक्ष्म वेद, चार वेद, भगवद्गीता, पुराण, कुरान, बाइबल, श्री गुरु ग्रंथ साहिब, गुरुनानक जी की जन्म साखी एवं सभी धर्मों के पवित्र शास्त्रों से प्रमाणित ज्ञान के आधार पर बनी पवित्र पुस्तकों ज्ञान गंगा, गीता तेरा ज्ञान अमृत, जीने की राह, कबीर परमेश्वर, भक्ति से भगवान तक, गहरी नजर गीता में आदि से पुस्तकालय सुसज्जित किया गया है। हिन्दी और अंग्रेजी के अतिरिक्त 13 अन्य भाषाओं में अधिकांश पुस्तकों का अनुवाद उपलब्ध है। इन पवित्र पुस्तकों का स्वाध्याय कर मनुष्य की आत्मा ज्ञानवान बनती है। इस ज्ञान को सतगुरुदेव से सत्संग सुनकर और स्वाध्याय से प्राप्त करना और उसके अनुसार अपना जीवन बनाना ही साधना है। 

बहनों के लिए अलग दरबार साहेब 

माताओं बहनों के लिए दरबार साहेब अलग से लगाया गया है जहां पर माताएं बहनें अमर ग्रंथ साहिब का पाठ करती हैं। इस दरबार साहेब की सबसे अच्छी विशेषता यह है कि यहां पर किसी भी प्रकार का जाति भेद, ऊंच-नीच, अमीर गरीब का कोई भेदभाव नहीं है। जो माताएं बहने पढ़ी-लिखी हैं और दीक्षित हैं उन सभी को अमर ग्रंथ साहिब पाठ करने का अवसर प्राप्त होता है। भाई भक्तों के लिए भी अलग व्यवस्था की गई है।  

सतलोक आश्रम भिवानी में भक्तों के लिए ये सुविधाएं भी है

पार्किंग जगह

आश्रम के ठीक सामने एक पार्किंग जगह है, जहां आश्रम में आने वाले भक्तजनों की गाड़ियों को पार्क करने के लिए व्यवस्था बनाई गई है ताकि किसी भी वाहन को किसी प्रकार की असुविधा ना हो।

वर्जित वस्तुओं के लिए तलाशी कक्ष

सतलोक आश्रम भिवानी में बीड़ी, तंबाकू, शराब, सिगरेट, और चमड़े की वस्तु वर्जित की गई हैं। आश्रम के अंदर ये वर्जित वस्तुएं ना पहुंचे इसके लिए भाई सेवादारों द्वारा भाई भक्तों की तलाशी अलग की जाती है। माताओं बहनों सेवादारों द्वारा आगंतुक श्रद्धालु माताओं बहनों की तलाशी एक अलग कक्ष में की जाती है।

सेवादारों के लिए शौचालय व स्नानघर

24 घंटे सेवा देने के लिए जो सेवादार आश्रम में ही रहते हैं उनके स्नान, शौच इत्यादि नित्य कार्यों के लिए अलग व्यवस्था की गई है। सभी सेवादारों को साबुन, मंजन, मौसम अनुसार ठंडा गरम पानी इत्यादि सुविधाएँ निशुल्क प्रदान की जाती हैं।

माताओं बहनों के लिए अलग शौचालय व स्नानघर

माताओं बहनों के लिए, माताओं बहनों वाले पंडाल की तरफ शौचालय व स्नानघर बनाए गए हैं, यहां पर भी मौसम के अनुसार ठंडा – गरम पानी, साबुन, मंजन इत्यादि निशुल्क प्रदान किए जाते हैं यहां की सेवा सिर्फ माताएं बहनें  ही देखती हैं। भाईयों  के लिए भी यही सेवाएं उनके पंडाल की ओर भाई सेवादारों द्वारा दी जाती  हैं।     

गर्म पानी के लिए बॉयलर

सर्दियों के मौसम में खाने-पीने, नहाने धोने के लिए गर्म पानी की आवश्यकता होती है। इसके लिए आश्रम में बॉयलर की व्यवस्था उपलब्ध है। आवश्यकता पड़ने पर भक्तजनों की सेवा के लिए यह बॉयलर किसी भी मौसम में कभी भी उपयोग में लिए जा सकते हैं।

मोबाइल चार्जिंग 

मोबाइल चार्जिंग के लिए व्यवस्था की गई है जहां श्रद्धालु आवश्यकतानुसार मोबाइल चार्जिंग कर सकते हैं। भक्तजनों को मोबाइल संबंधित किसी भी असुविधा को नहीं होने देने के लिए यहाँ उनके मोबाइल को सुरक्षा पूर्वक चार्ज करने की 24 घंटे व्यवस्था है।

जनरेटर

अनवरत बिजली की उपलब्धता रखने के लिए आश्रम में जनरेटर की व्यवस्था है ताकि जरूरी सेवाओं के लिए सुचारू रूप से बिजली प्राप्त हो सके।

प्राथमिक चिकित्सा (First Aid) 

प्राथमिक चिकित्सा या तात्कालिक उपचार (First Aid) देने के लिए प्राथमिक चिकित्सा केंद्र बनाया गया है। इस केंद्र पर दूर दूर से सत्संग सुनने आए श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए तथा स्वास्थ्य से संबंधित अनचाही स्थिति के लिए व्यवस्थाएं की गई हैं।

जूता घर

सभी भक्तों के जूते और चप्पल रखने के लिए निशुल्क सुचारु व्यवस्था की गई है। जूता घर में 2000 भक्तों के लिए सुविधा है।  

भंडारा घर

आश्रम में श्रद्धालुओं के लिए शाकाहारी भोजन भंडारे की चौबीसों घंटे की व्यवस्था है। यहाँ दूर या पास से आने वाले भक्त आत्माएं पूरी तृप्ति के साथ बिल्कुल निशुल्क भंडारा ग्रहण करते हैं। पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब का यह भंडारा साक्षात सतलोक से किया जाता है अतः यह कभी समाप्त नहीं होता चाहे कितने भी लोग किसी भी समय आ जाएं। 

रोटी मशीन, आटा चक्की, आटा गूँथने की मशीन और भट्टियां

पाठ प्रकाश के समय पर आश्रम में भक्त जनों की संख्या बहुत अधिक होती है। उस समय में आपूर्ति के लिए रोटियां बनाने के लिए यहां मशीनों का प्रयोग किया जाता है। बड़ी-बड़ी भट्टियों के माध्यम से माताओं बहनों और भाइयों के लिए भंडारा तैयार किया जाता है। रोटियों पर भी शुद्ध देसी घी लगाया जाता है। दाल – सब्जी भंडारा, हलवा राम या बूंदी राम प्रसाद सभी शुद्ध देसी घी से बनाया जाता है। यहाँ का भंडारा अत्यंत ही मनमोहक और आनंददायक है और पृथ्वी का सबसे अनमोल भोज्य पदार्थ है। रसोई घर में पर्याप्त मात्रा में एग्जॉस्ट फैन भी लगाए गए हैं। संगत अधिक होने के समय के लिए आटा गूँथने की मशीन की व्यवस्था भी की गई है। आटा बनाने के लिए आटा चक्की का प्रबंध भी है।  

रात्रि निवास

जो भक्त दूर से आते हैं और रात्रि में आश्रम में रुकना चाहते हैं उनकों पंडाल में रजाई गद्दों इत्यादि प्रदान कर सोने की व्यवस्था है। माताओं बहनों के लिए अलग हॉल में रात्रि निवास की व्यवस्था है।  इस व्यवस्था से बिल्कुल अलग भाईयों  के लिए दूसरी ओर पंडाल में व्यवस्था है। सभी भक्त आत्मायें पूरे समय परमात्मा के सुमिरन में लगे रहते हैं।            

कैमरों की निगरानी (CCTV Surveillance)  

भक्तों की सुरक्षा की दृष्टि से पूरे परिसर में CCTV कैमरे लगाए गए हैं। कैमरों के द्वारा पूरे परिसर में चौबीसों घंटे निगरानी रखी जाती है। 

सूचना उद्घोष व्यवस्था (Announcement)

भक्तों को सूचना देने के लिए एक उद्घोष केंद्र है। जहां से कोई भी सूचना दी जा सकती है। किसी भक्त को यदि किसी से संपर्क करना है तो वह भी सूचना उद्घोष केंद्र द्वारा कर सकता है।     

पाठ प्रकाश समागम की विशेष व्यवस्थाएं 

पाठ प्रकाश के समय संगत बहुत बड़ी संख्या आती है इसलिये ऐसे विशेष उत्सवों के लिए माताओं बहनों और भाईओं के लिए अलग अलग विशेष व्यवस्थाएं भी की जाती हैं।

  1. भंडारे की व्यवस्था 
  2. जूता घर की विशेष व्यवस्था।
  3.  शौचालय के लिए अलग से व्यवस्था। 
  4. स्नानघर की विशेष व्यवस्था जहां साबुन, मंजन इत्यादि की निशुल्क सुविधा। 
  5. पेशाब घर की विशेष व्यवस्था। 
  6. पार्किंग की विशेष व्यवस्था।  

सतलोक आश्रम भिवानी ने बेड़ा उठाया है सामाजिक कुरीतियों को दूर करने का    

तत्वदर्शी संत सतगुरु रामपाल जी महाराज की शिक्षाओं के अनुसार सतलोक आश्रम भिवानी में मनमानी परंपराऐं, मान-बड़ाई, लोक दिखावा आदि क्रियाएं जो भक्ति मार्ग में बाधक हैं, सभी वर्जित हैं। सामाजिक अव्यवस्थाएं जैसे – दहेज-प्रथा, नारी के प्रति असमानता और उपेक्षा पूर्ण भाव, जादू, टोना, बाल-विवाह प्रथा, अन्यायवादी वर्णव्यवस्था, मृत्यु भोज, जन्मोंत्सव त्याज्य हैं। नशा तंबाकू, बीड़ी, सिगरेट, खैनी, गुटखा, गांजा, चरस, अफीम, मदिरा शराब और नशीली दवाइयां इत्यादि सभी समाज की बर्बादी का कारण बन रहे हैं, प्रतिबंधित हैं। 

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समाज को बांटने वाली — जातिवाद, सम्प्रदायवाद, क्षेत्रवाद, भाषावाद, प्रांतवाद आदि कुरीतियां उन्नत समाज के लिए घातक हैं। सतलोक आश्रम भिवानी में संत रामपाल जी की प्रेरणा से इन सभी कुरीतियों से पूरी तरह से समाप्त करने की शिक्षाएं दी जाती हैं। यही कारण है कि सतलोक आश्रम भिवानी में सतगुरु रामपाल जी महाराज से दीक्षित भक्तों में जाति, धर्म, लिंग के आधार पर कोई भेदभाव नहीं पाया जाता है। 

सेवा और ज्ञान का अनूठा संगम सतलोक आश्रम भिवानी  

सतलोक आश्रम भिवानी में महान संत रामपाल जी मानव जाति के अज्ञान को मिटाकर उन्हें आध्यात्मिक अनुभूतियां और आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करते हैं। यहाँ साधक सतगुरु की छत्रछाया में समग्रता से जीते हुए बुरी आदतों को त्यागकर और परमात्मा का ध्यान सुमरण प्रभु गुणगान करके काल जाल से मुक्त होकर मानव जीवन का लक्ष्य पूर्ण मोक्ष प्राप्त करते हैं। 

सतलोक आश्रम भिवानी में सत्संग में आने वाले प्रभु की प्यारी आत्माओं का सत्कार व सेवा करने को शरीर का तप बताया गया है। इसी प्रकार मानव शरीर में मर्यादा में रहकर परमार्थ सभी जीवों की सेवा भी परम तप है। परमेश्वर कबीर जी ने कहा है कि वह सेवा सेवा नहीं जो चार गुणा धन सेवा के बदले इच्छा से की जाती है। जो किसी कार्य की सिद्धि के लिए सेवा करता है, वह दिन-रात परमात्मा से माँगता रहता है –

कबीर, फल कारण सेवा करै, निशदिन याचै राम।

कह कबीर सेवा नहीं, जो चाहै चैगुने दाम।।

अपने जीवन में परमात्मा से डरकर सत्य के आधार से सर्व कर्म करने चाहिएं जो अपने भाग्य में धन लिखा है, उसी में संतोष करना चाहिए। परधन को विष के समान समझें।

सत का सौदा जो करै, दम्भ छल छिद्र त्यागै। 

अपने भाग का धन लहै, परधन विष सम लागै।।

आध्यात्मिक दृष्टि से वह मनुष्य जो पूर्ण गुरू से दीक्षा लेकर भक्ति नहीं करता है तो उसको चाहे पूरी पृथ्वी का राज्य ही क्यों नहीं मिल जाए लक्ष्यहीन सिद्ध होकर जन्म मृत्यु काल दुष्चक्र में फंसे रहकर बेगार करना बताया है-

अगम निगम को खोज ले, बुद्धि विवेक विचार।

उदय-अस्त का राज मिले, तो बिन नाम बेगार।।

सतगुरु रामपाल जी नेतृत्व भारतवर्ष बनेगा विश्वगुरु

सतगुरु रामपाल जी महाराज द्वारा दिया सतज्ञान अद्वितीय है। सतगुरु के नेतृत्व में सतज्ञान के आधार पर भारतवर्ष पूरे विश्व में छा जाएगा। पूरे विश्व में सतज्ञान से भक्ति मार्ग चलेगा। पूरी धरती पर एक ही कानून होगा, कोई दुःखी नहीं रहेगा, विश्व में पूर्ण शांति होगी। विरोध करने वाले भी पश्चाताप कर तत्वज्ञान को स्वीकार करेंगे और समाज मानव धर्म का पालन करेगा। नाम दीक्षा लेकर सतभक्ति मर्यादा पालन करके सब मनुष्य पूर्ण मोक्ष प्राप्त करके अपने मूल घर सतलोक जाकर अपने परमपिता कबीर साहब की छत्रछाया में सुखमय जीवन जीते हुए जन्म मृत्यु चक्र से बाहर रहेंगे।

सतलोक आश्रम भिवानी में जाकर करें सतज्ञान बोध   

कलियुग में स्वर्ण युग प्रारम्भ हो चुका है अब आवश्यकता है सतलोक आश्रम भिवानी में आकर सतगुरु रामपाल जी महाराज के अनमोल ज्ञानबोध करें। विश्वभर में करोड़ों पुण्य आत्मांए तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में सतभक्ति कर सर्वविकार त्यागकर निर्मल जीवन जी रहे हैं। आप भी शीघ्र अतिशीघ्र सतगुरु रामपाल जी महाराज के सतलोक आश्रम भिवानी में आयें और तत्वदर्शी संत सतगुरु रामपाल जी महाराज के अद्भुत ज्ञान को पहचान कर  नाम दीक्षा लेकर अपने परिवार सहित अपना कल्याण करवाएं। सतलोक आश्रम भिवानी में आकर आप न सिर्फ अपने मनुष्य जीवन के लक्ष्य सार्थकता को सिद्ध करेंगे बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी सतमार्ग खोल कर जाएंगे। अधिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज” एप्प डाउनलोड करें।