Satlok Ashram Sojat (Rajasthan): मोक्ष का द्वार सतलोक आश्रम सोजत

संतों और भक्तों की भूमि कहलाए जाने वाले भारत के राजस्थान राज्य के पाली जिले के सोजत शहर में परमात्मा प्राप्ति का एक ऐसा केंद्र है जहां पर शास्त्र प्रमाणित सत्य भक्ति साधना की और करवाई जाती है। सोजत-जोधपुर स्टेट हाईवे पर लुंडावास नाम के एक छोटे से गांव के पास स्थित “सतलोक आश्रम सोजत” एक ऐसा आश्रम है जहां पर पूर्ण परमात्मा के सत्य साधक अपने मनुष्य जीवन को सफल करने के लिए आते है। हमारे पवित्र सदग्रंथ बताते है कि जब तक प्राणी खुद का हित नहीं कर सकता वह परहित कभी नहीं कर सकता फिर चाहे वह कितनी ही बात क्यों न बना ले। सतलोक आश्रम सोजत एक ऐसा श्रेष्ठ उदाहरण है जहां पर परमार्थ और आत्म कल्याण का कार्य एक नि:शुल्क सेवा के तौर पर किया जाता है। यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भंडारे, ठहरने, शौचालय, और स्नान आदि की व्यवस्था निशुल्क उपलब्ध है। सतलोक आश्रम सोजत में विश्व के एकमात्र तत्वदर्शी संत के तत्वाधान में शास्त्र प्रमाणित भक्ति क्रियाएं, नेक नैतिक आचार विचार, और समाज सुधार व समाज कल्याण में अपने कर्तव्य के बारे में बताया जाता हैं। आइए सतलोक आश्रम सोजत में उपलब्ध सर्व सुविधाओं के बारे में विस्तार से जानते है।

कबीर साहेब प्रकट दिवस की जानकारी

राजस्थान के मारवाड़ क्षेत्र जिला पाली में सतलोक आश्रम सोजत मौजूद है। यहां 2-3-4 जून 2023 को कबीर परमेश्वर का 626वां प्रकट दिवस मनाया जाएगा। इस उपलक्ष्य में आश्रम में अखंड पाठ, विशाल भंडारे का आयोजन हो रहा है, जिसमें पूरे विश्व को आमंत्रित किया जा रहा है। सोजत आश्रम से इस महासमागम की न्यू अपडेट के लिए क्लिक करें

राजस्थान का परमात्मा प्राप्ति केंद्र: सतलोक आश्रम सोजत 

आत्मा जब से परमात्मा से बिछुड़ी है वह तब से ही परमात्मा प्राप्ति की तड़फ में और परमेश्वर की खोज में दर दर भटक रही है। प्रभु प्राप्ति की इस अत्यंत प्रबल इच्छा के चलते साधक अपने प्रभु को प्रसन्न करने के लिए हमेशा तत्पर रहता है। राजस्थान प्रांत में स्थित सतलोक आश्रम सोजत एक ऐसा भक्ति केंद्र है जहां पर शास्त्र आधारित कुल 5 प्रकार के यज्ञ किए जाते है जिसमें प्रणाम यज्ञ, हवन यज्ञ, धर्म यज्ञ, ध्यान यज्ञ और ज्ञान यज्ञ मुख्य है। इसके अलावा यहां पर पवित्र सदग्रंथो में बताए अनुसार 3 समय की साधना (आरती पाठ) करे जाते है जिसमें सुबह की संध्या के समय सुबह का नित्यनियम, दोपहर की संध्या के समय असुर निकंदन रमैणी, और शाम की संध्या के समय संध्या आरती का पाठ किया जाता है। सतलोक आश्रम सोजत में शास्त्र प्रमाणित सत्य भक्ति साधना का ऐसा माहौल उपलब्ध है जहां पर बच्चे, जवान, बूढ़े, स्त्री और पुरुष सभी शिष्टाचार और सदाचार से भक्ति, सेवा, व धर्म करते है। 

कैसा है सतलोक आश्रम सोजत?

संपूर्ण विश्व में केवल जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के सतलोक आश्रम ही ऐसे स्थान है जहां पर ऐसे लोग आते है जो समाज में व्याप्त हरेक बुराई से दूर रहते है। यहां पर ऊंच-नीच, जात-पात, धर्म-मजहब, छुआछात आदि भेदभाव से परे समानता के साथ सभी से व्यवहार किया जाता है। सतलोक आश्रम सोजत लगभग 9.5 एकड़ में फैला हुआ है। शहर के शोर शराबे और भीड़भाड़ से दूर स्थित इस आश्रम में आकर श्रद्धालु मानसिक शांति और आनंद महसूस करते है। यहाँ पर आने जाने वाले प्रत्येक श्रद्धालुओं को संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग प्रवचनों के आधार पर शिष्ट, सभ्य, शांत, सुशील और साधारण आचार विचार का पालन करना होता है।

कैसे पहुंचे सतलोक आश्रम सोजत?

संत रामपाल जी महाराज जी के शुभ आशीर्वाद से भारत के राजस्थान राज्य के पाली जिले के सोजत तहसील मे सतलोक आश्रम सोजत की स्थापना की गई है। सतलोक आश्रम सोजत जोधपुर – उदयपुर स्टेट हाईवे- 58 (राजस्थान राज्य राजमार्ग 162) पर स्थित है जो कि सोजत शहर से 10 किलोमीटर दूर है। यह आश्रम सोजत रोड जंक्शन रेल्वे स्टेशन से 20 किलोमीटर, सोजत बस स्टैंड से 9 किलोमीटर और पाली से 45 किलोमीटर की दूरी पर है। यह आश्रम जोधपुर एयरपोर्ट से 75 किलोमीटर दूर है। अजमेर से 140 किलोमीटर, जयपुर से 270 किलोमीटर और उदयपुर से 190 किलोमीटर दूरी पर है।

सतलोक आश्रम सोजत की प्रसिद्धि

राजस्थान ही नहीं बल्कि गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा, दिल्ली आदि राज्यों में भी “सतलोक आश्रम सोजत” की काफी प्रसिद्धि है। यह आश्रम पूरे विश्वभर में जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी के पावन सानिध्य में होने वाले समागमों के लिए जाना जाता है। संत रामपाल जी के सानिध्य में कबीर साहेब प्रकट दिवस, परमेश्वर कबीर साहेब प्रस्थान दिवस, संत गरीबदास जी बोध दिवस, संत रामपाल जी महाराज बोध दिवस, संत रामपाल जी महाराज प्रकट दिवस आदि आदि समागमों का आयोजन सोजत आश्रम में किया जाता है। सतलोक आश्रम सोजत एक ऐसा स्थान है जहां पर सभी लिंग, जाति या धर्म के मानव को अपना मनुष्य जीवन सफल करने के लिए सादर आमंत्रित किया जाता है।

सतलोक आश्रम सोजत में उपलब्ध सुविधाएं

सत्संग पंडाल

सतलोक आश्रम सोजत में एक पंडाल है जहां पर भक्त आत्माएं बैठकर संत रामपाल जी महाराज का सत्संग श्रवण करती हैं। यहां पर माताओं-बहनों के लिए और भाइयों के लिए एक ही पंडाल में अलग अलग स्थान पर एक समान व्यवस्थाएं की गई है। सत्संग द्वारा पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी के द्वारा उच्चारित सूक्ष्मवेद और चारों वेदों (ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद तथा अथर्ववेद), अठारह पुराणों, ग्यारह उपनिषदों, गीता, कुरान, बाईबल (तौरेत, जबूर, इंजिल), श्री गुरु ग्रंथ साहिब आदि शास्त्रों से प्रमाणित तत्वज्ञान को समझने के पश्चात् श्रद्धालु भक्त को कोई शंका नहीं रहती। इस प्रकार आश्रम में आए साधक भक्तगण सतगुरुदेव जी के सत्संग रूपी अमृत वर्षा के माध्यम से ज्ञान यज्ञ से अपने मनुष्य जीवन के मूल उद्देश्य को पहचानते हैं।   

गुरुजी के लिए आवास व्यवस्था

सतलोक आश्रम सोजत में जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी के निवास के लिए सभी प्रकार की व्यवस्थाएं की गई है। सतलोक आश्रम बरवाला की तरह यहां पर भी संत रामपाल जी महाराज जी के रहने की व्यवस्थाएं अलग से की गई है। 

गुरुजी के लिए प्रवचन स्टेज

सतलोक आश्रम सोजत में संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग प्रवचनों को श्रद्धालु सुन सके इस हेतु एक विशाल स्टेज का निर्माण किया गया है, जहां पर संत रामपाल जी महाराज साक्षात विराजमान होकर अपने अमृत प्रवचनों की वर्षा कर सकते है। संत रामपाल जी महाराज के आवास गृह से स्टेज पर पहुंचने के लिए इलेक्ट्रिक ऑटोमेटेड लिफ्ट की भी व्यवस्था की गई है। 

प्रोजेक्टर स्क्रीन और स्पीकर सिस्टम

आश्रम में आए श्रद्धालु तीन समय की नित्य क्रिया — सुबह का नित्यनियम, दोपहर की रमैणी, और शाम की संध्या आरती कर सके इसलिए एक बड़े प्रोजेक्टर स्क्रीन की व्यवस्था की गई है। इस बड़े परदे पर समय पर तीनों समय की आरती वीडियो के माध्यम से लगाई जाती है, जिसका प्रसारण स्पीकर्स के माध्यम से आश्रम के कोने कोने तक होता है। आश्रम में आए प्रत्येक श्रद्धालु प्रतिदिन शाम 7:30 बजे साधना टीवी चैनल पर आने वाले सत्संग को प्रोजेक्टर स्क्रीन पर श्रद्धापूर्वक देखते है और ज्ञान यज्ञ का लुफ्त उठाते है।

पुस्तकालय

परम आदरणीय संत गरीबदास जी महाराज (छुड़ानी, हरियाणा) द्वारा परमेश्वर कबीर साहेब द्वारा सूक्ष्म वेद की अमर वाणी को पुनः प्रकट करवाया गया था। सूक्ष्म वेद में चारों वेद, सूक्ष्म वेद, श्रीमद भगवद गीता, 18 पुराण, 11 उपनिषद, 6 शास्त्र, कुरान शरीफ, बाइबल, श्री गुरु ग्रंथ साहिब, रामायण, महाभारत, एवं अन्य सभी धर्मों के पवित्र शास्त्रों के गूढ़ रहस्यों का समावेश है तथा सम्पूर्ण आध्यात्मिक ज्ञान का भंडार है। इन्हीं सद्ग्रंथो से प्रमाणित ज्ञान के आधार पर बनी पवित्र पुस्तकें जैसे जीने की राह, भक्ति से भगवान तक, ज्ञान गंगा, गीता तेरा ज्ञान अमृत, गरिमा गीता की, कबीर परमेश्वर, गहरी नजर गीता, कबीर सागर का सरलार्थ, मुक्ति बोध, अंध श्रद्धा भक्ति खतरा ए जान आदि को पुस्तकालय में सुसज्जित किया गया है। यह सभी पुस्तकें संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा लिखित है। हिन्दी और अंग्रेजी के अतिरिक्त 13 अन्य भाषाओं में अधिकांश पुस्तकों का अनुवाद उपलब्ध है। इन पवित्र पुस्तकों का स्वाध्याय कर मनुष्य की आत्मा ज्ञानवान बनती है। 

नामदान स्थल

सतलोक आश्रम सोजत में एक नाम दान स्थल है जहां पर मनुष्य का नया आध्यात्मिक जन्म होता है, यानी उसके वास्तविक मनुष्य जीवन की शुरुआत होती है। यहां पर पवित्र ग्रंथों से प्रमाणित सत भक्ति एवं सभी देवी देवताओं की शास्त्र अनुकूल साधना करने की पद्धति बताई जाती है। जो श्रद्धालु जगतगुरु तत्वदर्शी संत “संत रामपाल जी महाराज जी” के ज्ञान को समझ कर सत भक्ति करना चाहते हैं, उन्हे एक एक करके सभी नियम व मर्यादा समझाई जाती है जिसके बाद वे सतगुरुदेव जी से नाम दीक्षा लेते हैं। नाम दान स्थल में भाईयों और माताओं बहनों के लिए क्रमशः भाई व बहन सेवादारों द्वारा अलग कक्षों में नाम दीक्षा दिलाई जाती है। 

प्रणाम स्थल

सतलोक आश्रम सोजत में परमेश्वर कबीर साहेब, संत रामपाल जी महाराज, स्वामी रामदेवानंद जी महाराज, और संत गरीबदास जी महाराज की तस्वीर जिसे दरबार साहेब भी कहा जाता है, के आगे अष्ट अंगों से लंबी दंडवत करने के लिए व्यवस्थाएं की गई है। श्रीमद्भगवद गीता अध्याय 4 श्लोक 34, अध्याय 18 श्लोक 65 तथा अध्याय 9 श्लोक 14 और 34 में बताया गया है कि जमीन पर मुख के बल लेटकर हाथों को सिर के आगे सीधा जोड़कर दोनों पैरों को भी जोड़कर डण्डे की तरह सीधा रहकर डण्डवत प्रणाम या नमस्कार केवल परम संत तथा पूर्ण परमात्मा को ही करना होता है। इस प्रणाम स्थल पर आकर सभी श्रद्धालु सभी प्रकार की मान बढ़ाई और अहंकार को छोड़कर परमात्मा के आगे लंबी दंडवत प्रणाम करते है और अपनी आधिनी दर्शाते है। 

हवन यज्ञ 

सतलोक आश्रम सोजत में शास्त्र अनुकूल यज्ञ किए जाते है। आश्रम में हवन यज्ञ जिसे ज्योति यज्ञ भी कहा जाता है, करने के लिए एक विशेष व्यवस्था की गई है। हवन यज्ञ में रुई के माध्यम से गाय या भैंस के देशी घी को प्रज्वलित किया जाता है जिसके चलते देवता उन्नत होते है। वातावरण में भी कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा कम होती है और वर्षा अधिक होती है। इसका प्रमाण पवित्र गीता जी में भी मिलता है। ऐसी ही ज्योति सतलोक आश्रम सोजत में अखंड जलाई जाती है जिसमें क्विंटल देशी घी का हवन होता है।

भंडारा घर

सतलोक आश्रम सोजत में आए हर एक श्रद्धालु को नि:शुल्क भंडारा करवाया जाता है। यह भंडारा 24 घंटों तक अखंड चलता है। आश्रम में आए श्रद्धालु के लिए शाकाहारी गरमा गर्म भोजन बनाने की व्यवस्था चौबीसों घंटे चलती है। यहाँ दूर या पास से आने वाले भक्त आत्माएं पूरी तृप्ति के साथ बिल्कुल निशुल्क भंडारा ग्रहण करते हैं। पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब का यह भंडारा साक्षात सतलोक से आता है अतः यह कभी समाप्त नहीं होता चाहे कितने भी लोग किसी भी समय आ जाएं। 

भंडार घर में रोटी मशीन, आटा चक्की, आटा गूँथने की मशीन और भट्टियां आदि की व्यवस्थाएं दुरुस्त की गई है। समागम के समय पर आश्रम में श्रद्धालुओं की संख्या अत्यधिक होती है। उस समय में आपूर्ति के लिए रोटियां बनाने के लिए यहां मशीनों का प्रयोग किया जाता है। बड़ी-बड़ी भट्टियों के माध्यम से माताओं बहनों और भाइयों के लिए भंडारा तैयार किया जाता है। रोटियों पर भी शुद्ध देसी घी लगाया जाता है। दाल-सब्जी भंडारा, हलवा राम या बूंदी राम प्रसाद सभी शुद्ध देशी घी से बनाए जाते है। यहाँ का भंडारा अत्यंत ही मनमोहक और आनंददायक है और पृथ्वी का सबसे अनमोल भोज्य पदार्थ है। रसोई घर में पर्याप्त मात्रा में एग्जॉस्ट फैन भी लगाए गए हैं। समागम के समय के लिए आटा गूँथने की मशीन की व्यवस्था भी की गई है। आटा बनाने के लिए आटा चक्की का प्रबंध भी है।  

रात्रि निवास गृह

जो श्रद्धालु दूर से आते हैं और रात्रि में आश्रम में रुकना चाहते हैं उनकों पंडाल में रजाई गद्दों इत्यादि प्रदान कर सोने की व्यवस्था है। गर्मी के समय में पंडाल में पंखों की भी व्यवस्थाएं की जाती है ताकि आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा महसूस न होने पाए। माताओं बहनों के लिए अलग स्थान पर रात्रि निवास की व्यवस्था है। जहां पर केवल माताएं बहनें ही सेवा देखती है।

शौचालय व स्नान घर

सतलोक आश्रम सोजत में आए श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो इसलिए शौचालय और बाथरूम बनाए गए है। भक्तों के लिए नहाने व कपड़े धोने के साबुन, मंजन, कंघी, सरसो का तेल, मौसम अनुसार ठंडा गरम पानी इत्यादि सुविधाएँ निशुल्क प्रदान की जाती हैं। यहां पर साफ सफाई करने की सेवा केवल सेवादार देखते है।

माताओं बहनों के लिए अलग शौचालय व स्नानघर

माताओं बहनों के लिए, माताओं बहनों वाले पंडाल की तरफ शौचालय व स्नानघर बनाए गए हैं, यहां पर भी मौसम के अनुसार ठंडा-गरम पानी, साबुन, मंजन इत्यादि निशुल्क प्रदान किए जाते हैं। यहां की सेवा सिर्फ माताएं बहनें ही देखती हैं। 

सेवादारों के लिए शौचालय व स्नानघर

आश्रम में 24 घंटे सेवा देने के लिए जो सेवादार आश्रम में ही रहते हैं उनके स्नान, शौच इत्यादि नित्य कार्यों के लिए अलग व्यवस्था की गई है। इनके लिए भी मौसम के अनुसार ठंडा-गरम पानी, साबुन, मंजन इत्यादि निशुल्क प्रदान किए जाते हैं। 

गर्म पानी के लिए बॉयलर

सर्दियों के मौसम में खाने-पीने, नहाने धोने के लिए गर्म पानी की आवश्यकता होती है। इसके लिए आश्रम में बॉयलर की व्यवस्था उपलब्ध है। आवश्यकता पड़ने पर भक्तजनों की सेवा के लिए यह बॉयलर किसी भी मौसम में कभी भी उपयोग में लिए जा सकते हैं। माताओं बहनों के स्नान घर के आगे अलग बॉयलर की व्यवस्था की गई है जहां पर केवल माताएं बहनें ही सेवा देखती हैं। इसी प्रकार भाइयों के स्नान घर के पास बॉयलर की सेवाएं भाइयों द्वारा देखी जाती है। 

वर्जित वस्तुओं के लिए तलाशी कक्ष

सतलोक आश्रम सोजत में तंबाखू, बीड़ी, तंबाकू, शराब, सिगरेट, और चमड़े की वस्तु वर्जित की गई हैं। संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताए गए तत्वज्ञान के आधार से संत रामपाल जी महाराज के अनुयाइयों के लिए इन वस्तुओ का प्रयोग आजीवन निषेध किया गाया है। आश्रम के अंदर ये वर्जित वस्तुएं ना पहुंचे इसके लिए भाई सेवादारों द्वारा भाई भक्तों की तलाशी अलग की जाती है। माताओं बहनों सेवादारों द्वारा आगंतुक श्रद्धालु माताओं बहनों की तलाशी एक अलग कक्ष में की जाती है।

मोबाइल चार्जिंग स्थल

आश्रम में आए भक्त आत्माओं के मोबाइल फोन, टैबलेट, आदि इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के चार्जिंग के लिए भी अलग से व्यवस्था की गई है। यहां पर श्रद्धालु अपनी आवश्यकतानुसार मोबाइल चार्जिंग स्थल पर अपना मोबाइल जमा करवा कर चार्जिंग कर सकते हैं। भक्तजनों को किसी भी असुविधा को नहीं होने देने के लिए यहाँ उनके मोबाइल को सुरक्षा पूर्वक चार्ज करने की 24 घंटे व्यवस्था है। यहां पर भक्तों को टोकन दिया जाता है जिससे की उन्हें अपना फ़ोन और चार्जर प्राप्त करने में सुविधा हो।

प्राथमिक चिकित्सा केंद्र (First Aid Center) 

आश्रम में आए श्रद्धालुओं को प्राथमिक चिकित्सा या तात्कालिक उपचार देने के लिए प्राथमिक चिकित्सा केंद्र बनाया गया है। इस केंद्र पर दूर दूर से सत्संग सुनने आए श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए तथा स्वास्थ्य से संबंधित अनचाही स्थिति के लिए व्यवस्थाएं की गई हैं। 

सूचना उद्घोष केंद्र (Announcement Center)

भक्तों को सूचना देने के लिए एक उद्घोष केंद्र बनाया गया है। जहां से कोई भी सूचना दी जा सकती है। किसी भक्त को यदि किसी से संपर्क करना है तो वह भी सूचना उद्घोष केंद्र द्वारा कर सकता है। इसके अलावा समागम के समय में आश्रम में भीड़ अत्यधिक होने के कारण किसी खोई हुई वस्तु की अनाउंसमेंट करवा सकते है। 

जूता घर

आश्रम के अंदर आए श्रद्धालुओं के जूते चप्पल की देखभाल करने के लिए जूता घर बनाया गया है। यहां पर सभी भक्तों के जूते और चप्पल रखने के लिए निशुल्क सुचारु व्यवस्था की गई है। यहां पर जूता जमा करवाने पर श्रद्धालु को टोकन दिया जाता है जिसके माध्यम से भक्तों को आश्रम से लौटते समय अपने जूते प्राप्त करने में सुविधा हो।।

जनरेटर

अनवरत बिजली की उपलब्धता रखने के लिए आश्रम में जनरेटर की व्यवस्था की गई है ताकि जरूरी सेवाओं के लिए सुचारू रूप से बिजली प्राप्त हो सके।

24×7 कैमरों की निगरानी (CCTV Surveillance)  

भक्तों की सुरक्षा की दृष्टि से पूरे परिसर में CCTV कैमरे लगाए गए हैं। कैमरों के द्वारा पूरे परिसर में चौबीसों घंटे निगरानी रखी जाती है। 

पार्किंग स्थल

आश्रम के परिसर में व आश्रम के बाहर 2 व्हीलर, 4 व्हीलर, बस, ट्रक, ऑटो रिक्शा, ट्रैक्टर आदि वाहनों के पार्किंग करने की जगह है, जहां आश्रम में आने वाले श्रद्धालु अपने वाहन को पार्क कर सकते है। सभी वाहनों की पार्किंग व्यवस्था सुचारू रूप से निरंतर चलती रहे इसलिए यहां पर 24 घंटे पार्किंग सेवादार तैनात रहते है।

सतलोक आश्रम सोजत से मिलती है समाज सुधार की प्रेरणा  

जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के आचार विचार पर चलते हुए सतलोक आश्रम सोजत में शास्त्रविरुद्ध साधनाएं, पाखंडवाद, अंधश्रद्धा भक्ति, और मनमाना आचरण, जो भक्ति मार्ग में बाधक हैं, सभी वर्जित हैं। समाज में अव्यवस्थाएं पैदा करने वाली कुरीतिया जैसे – दहेज-प्रथा, नारी के प्रति असमानता और उपेक्षा पूर्ण भाव, जात–पात का भेदभाव, धर्म और मजहब की लड़ाई, जादू–टोना, बाल-विवाह प्रथा, अन्यायवादी वर्णव्यवस्था, कन्या भ्रूण हत्या, सती प्रथा, मृत्यु भोज, जन्मोंत्सव आदि को संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य त्याग देते हैं। इसके अलावा बीड़ी, तमाखू, सिगरेट, खैनी, गुटखा, गांजा, चरस, अफीम, मदिरा, शराब और नशीली दवाइयां इत्यादि सभी समाज की बर्बादी का कारण बन रहे हैं, जिसको प्रयोग करना संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्यों के लिए प्रतिबंधित हैं। 

सतलोक आश्रम सोजत में इन प्रत्येक नियमों का बड़े ही एहतियात के साथ पालन किया जाता है। समाज को बांटने वाली — जातिवाद, सम्प्रदायवाद, क्षेत्रवाद, भाषावाद, प्रांतवाद आदि कुरीतियां उन्नत समाज के लिए घातक हैं। सतलोक आश्रम सोजत में संत रामपाल जी की प्रेरणा से इन सभी कुरीतियों से पूरी तरह से समाप्त करने की शिक्षाएं दी जाती हैं। यही कारण है कि सतलोक आश्रम सोजत में सतगुरु रामपाल जी महाराज से दीक्षित भक्तों में जाति, धर्म, लिंग के आधार पर कोई भेदभाव नहीं पाया जाता है। 

सतलोक आश्रम सोजत में होते है दहेज रहित विवाह

जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी के तत्वाधान में पूरे विश्वभर में “दहेज मुक्त भारत” अभियान चलाया जा रहा है जिसके चलते दिन प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में दहेज रहित विवाह रचाये जा रहे है। इन विवाह की खास बात यह है कि इनमें न तो किसी प्रकार का दहेज लिया जाता है और न ही दिया जाता है। फिजूल खर्ची, चकाचौंद, मान बढ़ाई, नाच–गान, इत्यादि से परे यह विवाह बिलकुल साधारण तरीके से किया जाता है। महज 17 मिनट में गुरुवाणी से संपन्न होने वाले इस विवाह में किसी भी प्रकार की पारंपरिक रीति रस्मों का समावेश नहीं किया जाता। न मेंहंदी, न हल्दी, न फेरे, न मंगल सूत्र, न वरमाला, और न ही बैंड–बाजा–बारात! विवाह के इस अनोखे तरीके को “रमैणी” विवाह कहा जाता है। परम आदरणीय संत गरीबदास जी महाराज की 17 मिनट की अमृत वाणी में 33 करोड़ देवी देवताओं का आह्वाहन और आदर सत्कार किया जाता है। यह विवाह की रीति सर्व शास्त्र प्रमाणित होने से विवाह करने वाले जोड़े को परमेश्वर का विशेष आशीर्वाद मिलता है और अभी देवी देवता भी उस जोड़े की रक्षा करते है। 

सतलोक आश्रम सोजत में आकर कराएं अपने और अपने परिवार का आत्म कल्याण   

विश्व के सभी मनुष्यों को चाहिए कि सतलोक आश्रम सोजत में आकर सतगुरु रामपाल जी महाराज के अनमोल ज्ञान को समझे और उनसे नि:शुल्क नामदीक्षा लेकर अपने जीवन का कल्याण करवाए। पूरे विश्व में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु दिन प्रतिदिन संत रामपाल जी महाराज जी से नमदीक्षा ले रहे है और समाज में व्याप्त सभी प्रकार की बुराइयों को त्याग रहे है, जिसके चलते एक नेक और निर्मल समाज तैयार हो रहा है। आप भी शीघ्र अतिशीघ्र परिवार सहित सतगुरु रामपाल जी महाराज के सतलोक आश्रम सोजत में आयें और आपके मनुष्य जीवन को सार्थक बनाएं। सतलोक आश्रम सोजत में आकर आप न सिर्फ अपने मनुष्य जीवन के लक्ष्य और सार्थकता को सिद्ध करेंगे बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी सतमार्ग खोल कर जाएंगे। अधिक जानकारी के लिए आप “संत रामपाल जी महाराज” एप्प डाउनलोड करें।