Satlok Ashram Kurukshetra HR | सतलोक आश्रम कुरुक्षेत्र है भक्ति और मुक्ति पाने का तीर्थ स्थल

सतलोक आश्रम कुरुक्षेत्र अपने नाम की ही तरह अलौकिक, विभिन्नताओं और सुविधाओं से युक्त आश्रम है जहां विभिन्न धर्मों, विविध भाषा-भाषी लोगों की एकता और भक्तिमय वातावरण किसी अमर लोक सतलोक की याद दिलाता है जिसका वर्णन हमारे धर्म शास्त्रों में वर्णित है। यह आश्रम अम्बाला दिल्ली रोड पर नेशनल हाई वे पर लगभग 5 एकड़ में सरस्वती नदी के किनारे कुरूक्षेत्र जिले हरियाणा राज्य में स्थित है। इस आश्रम में आने वाले लोग सभी प्रकार की बुराइयों जैसे किसी भी प्रकार का नशा, मांसाहार ,जाति पाती भेद भाव, दहेज़ प्रथा आदि समाज में फैली कुरीतियों और पाखंड वाद से दूर रहते हैं। शांति और भाईचारे की मिसाल भी यही देखने को मिलती है। हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख और ईसाई सभी धर्मों के लोग यहाँ आते हैं। सभी प्रेम से तत्वदर्शी संत सतगुरु रामपाल जी महाराज का सत्संग सुनते है और उनके द्वारा बताये गए तत्वज्ञान के आधार पर चलते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी का संदेश हैं – 

जीव हमारी जाति है मानव धर्म हमारा 

हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख ईसाई धर्म नहीं कोई न्यारा।

सतलोक आश्रम कुरुक्षेत्र – भक्ति साधना का अनुपम केंद्र  

परमात्मा प्राप्ति की इच्छुक पुण्यात्माएं इस आश्रम में आते हैं। जो पुण्यात्माएं संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा बताये सर्व धर्म ग्रंथों से प्रमाणित भक्ति साधना और मर्यादाओं का पालन करते हैं वे लौकिक और परालौकिक सुख का आनंन्द प्राप्त करते हैं। इस आश्रम में संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में आने वाले भक्त आत्माओं के लिए सभी आवश्यक सुविधाएँ जैसे खाने पीने, नहाने धोने, रहने के साथ सत साधना और भक्तिमय वातावरण उपलब्ध है। यहाँ सभी लोग आपसी भाईचारे के साथ सत्संग और भक्ति का लाभ प्राप्त करते हैं। 

कबीर साहेब प्रकट दिवस की जानकारी

कबीर परमेश्वर के 626वें प्रकट दिवस पर संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में 2, 3 व 4 जून को हरियाणा स्थित सतलोक आश्रम कुरुक्षेत्र में होने वाले तीन दिवसीय भव्य कार्यक्रम का लेटेस्ट अपडेट देखने के लिए क्लिक करें

सत्संग के लिए विशाल पंडाल है उपलब्ध

सत्संग सुनने के लिए इस आश्रम में पंडाल की व्यवस्था है जिसमें भक्तों और भक्तमतियों हेतु अलग अलग व्यवस्था की गई है। इसमें श्रद्धालु बिना किसी असुविधा के परमात्मा का सत्संग शांतिपूर्वक सुन सकते हैं। यहां सभी पुण्यात्माओं को संत रामपाल जी महाराज जी का अमृतमय तत्वज्ञान सुनने को मिलता है जिसमें सभी पवित्र धर्मग्रंथों गीता, बाइबिल, गुरुग्रंथ साहेब, कुरान शरीफ, चारों वेदों और परमात्मा कबीर साहेब जी द्वारा प्रदत्त सूक्ष्म वेद का तत्वज्ञान श्रोताओं को सुनने को मिलता है। समय समय पर यहाँ संत गरीबदास जी महाराज जी की अमृतवाणी का पाठ संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में पाठियों द्वारा किया जाता है।   

भोजन के लिए है भंडार घर

सतलोक आश्रम कुरुक्षेत्र के भंडार घर में सभी भक्तात्माओं के भंडारे की समान व्यवस्था है। यहाँ माताओं बहनों के लिए और भक्त भाइयों के भंडारे हेतु अलग अलग बैठने की सुविधा की गई है। इस भंडार घर में हजारों लोगों के लिए एक साथ बैठकर भोजन प्राप्त करने की व्यवस्था है। बड़ी बड़ी भट्ठियों में सेवादारों द्वारा भोजन तैयार किया जाता है। यहाँ भोजन पकाने हेतु शुद्ध देशी घी का इस्तेमाल किया जाता है। हलवा प्रसाद और बूंदी प्रसाद भी शुद्ध देशी घी के द्वारा बनाया जाता है। यहाँ का भंडारा प्रसाद बहुत ही आनन्ददायक और मधुर प्रेमभाव से होता है। भंडारघर की सभी सुविधाओं में साफ सफाई का विशेष ध्यान दिया जाता है। आश्रम में समर्पित सेवादारों के साथ साथ रोटी मशीन, आटा चक्की, आटा गूथने की मशीन और भट्ठियों की व्यवस्था की गई है। 

बिजली घर और जनरेटर से अबाधित बिजली व्यवस्था

सभी पुण्यात्माओं की सुविधा हेतु यहाँ अबाधित विद्युत् संचालन हेतु बिजली घर से कनेक्शन के साथ जनरेटर की सुविधा उपलब्ध है ताकि किसी भी तरह से आश्रम में कोई सेवा बाधित ना हो जाए।

भक्तों के मोबाईल चार्जिंग हेतु विशेष व्यवस्था

सभी भक्तों और भक्तमतियों के मोबाइल चार्जिंग हेतु आश्रम में अलग अलग चार्जिंग स्थल है ताकि भाईयों और माताओं बहनों को किसी भी तरह की असुविधा न हो। यहाँ सभी भक्तों और भक्तमतियों के मोबाइल चार्जिंग स्थल की व्यवस्था सुरक्षित तरीके से की गई है।

आश्रम में ही है एक पुस्तकालय

सभी धर्मों के पवित्र शास्त्रों पर आधारित संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा लिखित पवित्र पुस्तकें यहाँ उपलब्ध हैं। ये पवित्र पुस्तकें श्रीमदभगवत गीता, बाइबिल, गुरुग्रंथ साहेब, कुरान शरीफ चारों वेद आदि सभी सत ग्रंथो से प्रमाणित हैं। सभी पुण्यात्माओं को तत्वज्ञान को समझने में आसानी हो इसके लिए संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा लिखित पवित्र पुस्तकों ‘ज्ञान गंगा’ और ‘जीने की राह’ का  13 भाषाओं में अनुवाद किया गया है। ये दोनों पुस्तकें विश्व में सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली पुस्तकों में से है जो यहाँ श्रद्धालुओं को उपलब्ध है। साथ ही ‘गीता तेरा ज्ञान अमृत’,’गहरी नजर गीता में’,‘भक्ति से भगवान् तक’, ‘मुसलमान नहीं समझे ज्ञान कुरान’ आदि सभी धर्म ग्रंथों से प्रमाणित पुस्तकें भी यहाँ उपलब्ध हैं।

नामदान स्थल में है नामदान की सुविधा

आश्रम में एक नामदान स्थान है जिसमे सभी धर्म के लोगों को संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा बताए गए तत्वज्ञान के आधार पर उपदेश दिलाने की व्यवस्था है। यह व्यवस्था संत रामपाल जी के दिशा निर्देशों के द्वारा सेवादारों के माध्यम से की जाती है भाइयों और माताओं बहनों को क्रमशः भाई और बहन सेवादार द्वारा अलग अलग कक्षों में उपदेश की व्यवस्था है। जो पुण्य आत्माएं संत रामपाल जी महाराज जी के नियम मर्यादाओं को समझकर सत्भक्ति करना चाहते हैं वे भक्त नाम उपदेश प्राप्त कर सकते हैं।

प्रणाम करने के लिए प्रणाम स्थल

भाईयो और बहनों के लिए आश्रम में अलग अलग प्रणाम स्थल है। प्रणाम करने से एक यज्ञ का पुन्य प्राप्त होता है। हमारे धर्म शास्त्रों में भी दण्डवत् प्रणाम का विधान बताया गया है जिससे हमारे पाप कर्म कटते हैं और पुन्य लाभ भी प्राप्त होते हैं। भगवत गीता के अध्याय 4 के  श्लोक 34 अध्याय 9  के श्लोक 14 और 34 में जमीन में लेटकर अष्टांग दण्डवत् प्रणाम करने का वर्णन है। कबीर साहेब जी भी अपने वाणी में कहते हैं – 

“कबीर दंडवत गोविन्द गुरु बंदु अविजन सोय। 

पहले भये प्रणाम तिन, नमो जो आगे होय ।।”

गुरु और परमात्मा को सामान भाव से देखना चाहिए इसलिए परमेश्वर कबीर जी ने सूक्ष्म वेद में अपने मुख कमल से कहा है कि गुरु तथा परमेश्वर को दंडवत प्रणाम करें, अन्य महापुरुषों को जो पहले हो चुके हैं तथा भविष्य में परमार्थ के लिए जन्म लेंगे, उनको प्रणाम शीश झुकाकर नमन कीजिये ।

जूता घर की व्यवस्था

आने वाले सभी भक्तों के जूतों को रखने के लिए भक्तों की ड्यूटी लगाई गई है जिसमें 24 घंटे भक्तों की सेवा आने जाने वालों पुण्यात्माओं के लिए है। लगभग 7000 भक्तों हेतु जूता घर में व्यवस्थित सुविधा उपलब्ध है।

प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था

आश्रम में आस पास की संगत के साथ साथ सुदूर प्रदेशों से भी संगत आती है। कई बार सफर में तबियत खराब होने पर यहाँ प्राथमिक उपचार की भी निशुल्क व्यवस्था है। दूर से आने जाने वालों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था 24 घंटे उपलब्ध रहती है।  

गर्म पानी हेतु बॉयलर 

आश्रम में सर्दी में या किसी अन्य काम के लिए नहाने धोने और खाने-पीने हेतु बॉयलर की भी सुविधा उपलब्ध है जो सभी के लिए मौसम और जरुरत के अनुसार काम में लिया जाता है ताकि गर्म पानी की व्यवस्था हो सके।

रात्रि विश्राम की निशुल्क व्यवस्था भी है उपलब्ध

सभी  भक्तात्माएं जो दूर से आते हैं और रात्रि विश्राम और रुकना चाहते हैं उनके लिए निशुल्क रजाई गद्दों की व्यवस्था है। रात्रि विश्राम की यह व्यवस्था माताओं बहनों और भाइयों के लिए अलग अलग की गई है।इसके अलावा आश्रम में और भी सुविधाएं है जैसे

सूचना उद्घोषणा केंद्र 

भक्तों की सुविधा और सूचना हेतु यहाँ उद्घोषणा (announcement) की व्यवस्था भी है ताकि भक्तों और माताओं को कोई भी असुविधा हो तो तुरंत संपर्क उपलब्ध हो सके। साथ ही यदि कोई छोटा बच्चा अपने माता पिता से अलग हो जाए तो उसका अनाउंसमेंट यहां से किया जा सकता है।

CCTV कैमरे की व्यवस्था 

भक्तों की सुरक्षा की दृष्टि से पूरे परिसर में CCTV कैमरे की सुविधा भी है, जिसमें निगरानी और संचालन हेतु भक्तों की सेवा लगाई गई है। इन सब कैमरो के संचालन और नज़र रखने के लिए एक अलग से कक्ष की व्यवस्था की गई है।

पाठ प्रकाश समागम की व्यवस्था

विशेष अवसर जैसे कबीर साहेब प्राकट्य दिवस, गरीब दास जी बोध दिवस, संत रामपाल जी महाराज बोध दिवस आदि पर पाठ प्रकाश समागम का आयोजन आश्रम में किया जाता है। ऐसे समय में दूर दूर से भी भक्तों के आने का सिलसिला शुरु हो जाता है जिसके मद्देनजर माताओं बहनों और भाईयों के लिए विशेष व्यवस्था अलग अलग की जाती है। समागम के समय विशेष पार्किंग व्यवस्था भी की जाती है।    

  • जूता घर में अतिरिक्त व्यवस्था 
  • भंडारे हेतु व्यवस्था 
  • शौचालय और मूत्रालय की अलग व्यवस्था 
  • स्नानघर में साबुन मंजन तेल और सफाई की सुविधा की अलग से व्यवस्था 

दरबार साहेब की व्यवस्था

पाठ प्रकाश के समय माताओं बहनों और भाईयों के लिए अलग अलग दरबार साहेब की व्यवस्था की जाती है ताकि सभी को अमृतवाणी के पाठ और श्रवण का पूर्ण लाभ मिल सके। दरबार साहेब में पाठ हेतु जाति पाती, ऊँच नीच, अमीर गरीब आदि से हटकर स्वच्छता का भी ध्यान रखा जाता है। दरबार साहेब की खासियत है कि कोई भी उपदेशी भाई बहन जो पढ़े लिखे हो और उपदेश प्राप्त होते हैं उन्हें ‘अमर ग्रन्थ साहेब’ के पाठ करने का अवसर दिया जाता है।

पार्किंग व्यवस्था भी है उपलब्ध

आश्रम परिसर में और ठीक बाहर पार्किंग की व्यवस्था है जिसमे 24 घंटे सेवादारों की ड्यूटी रहती है ताकि आने जाने वाले भक्तजनों को कोई भी असुविधा न हो।

माताओं बहनों और भाइयों के लिए स्नानघर और शौचालय की अलग व्यवस्था

आश्रम में माताओं के पंडाल की तरफ माताओं और बहनों के स्नान और शौचालय की व्यवस्था है और भाइयों की तरफ उनके लिए अलग व्यवस्था है। इसके साथ साथ आश्रम में साबुन, तेल, मंजन आदि की सुविधाएं भी निशुल्क उपलब्ध है। इसके साथ साथ साफ सफाई के लिए माताओं वाले स्नानघर में व्यवस्था महिला सेवादारों के द्वारा संचालित की जाती है और भाईयो वाले स्नानघर में भाईयो द्वारा।

सतलोक आश्रम कुरुक्षेत्र का मूल उद्देश्य सत्भक्ति और मोक्ष की प्राप्ति

इस आश्रम में अनेकों सुविधाएँ भक्त आत्माओं को दी जाती है साथ ही संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग और तत्व ज्ञान से अनुयायियों में अवगुणों का समूल नाश और सत गुणों का विकास किया जाता है। यहाँ जाति- पाती, ऊँच-नीच अमीर-गरीब और धर्म भेद से परे मानव धर्म के पालन की शिक्षा सत्संग के माध्यम से संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा दी जाती है। इनके साथ ही दहेज़ प्रथा, पाखंड वाद, मूर्ति पूजा, आदि कुरीतियों को छोड़कर एक ही पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी की भक्ति और मुक्ति इस आश्रम का मूल उद्देश्य है। संत रामपाल जी महाराज जी सर्व धर्म ग्रंथों गीता, बाइबिल, कुरान शरीफ, गुरु ग्रन्थ साहेब, वेदों आदि सभी से प्रमाणित ज्ञान देते हैं और मोक्ष का मार्ग बताते है जिनसे सभी अनुयायियों को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक लाभों की प्राप्ति होती है।  

सतलोक आश्रम कुरुक्षेत्र आने वालों को करोड़ तीर्थ का लाभ प्राप्त होता है

कुरुक्षेत्र आश्रम आने वाले भक्त आत्माओं को पांचों यज्ञों के साथ ही करोड़ तीर्थ का फल भी प्राप्त होता है और उनके पाप कर्म नष्ट होते हैं और पुण्यलाभ से उनके कष्टों का निवारण भी सहज ही हो जाता है। पूर्ण परमेश्वर कहते हैं –

“संत मिलन को चालिए, तज माया अभिमान। 

ज्यों ज्यों कदम आगे रखे, कोटिक यज्ञ समान ।।”

संत रामपाल जी बना रहे हैं धरती को स्वर्ग समान

 संत रामपाल जी महाराज जी धरती को स्वर्ग बना रहे है, उनके अनुयायियों के द्वारा दहेज़ मुक्त विवाह, नशामुक्त समाज तैयार किया जा रहा है, सामाजिक कुरीतियों का नाश किया जा रहा है,आपसी भाईचारे का विकास कर समाज में नैतिक और आध्यात्मिक जागृति का कार्य किया जा रहा है। सतलोक आश्रम कुरुक्षेत्र सहित उनके सभी आश्रमों में विश्व कल्याण मिशन के तहत कार्य किया जा रहा है। 

संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य विश्व भर में फैली सामाजिक बुराइयों का अंत कर भक्ति और मुक्ति का मार्ग दिखाना है। आप जी भी उनके तत्वज्ञान को समझने के लिए संत रामपाल जी महाराज जी एप्प को डाउनलोड कर उनके ज्ञान को समझ सकते हैं। शीघ्र ही संत रामपाल जी महाराज से अपने परिवार सहित नाम दीक्षा लेकर अपना कल्याण कराएं।