आमतौर पर ऐसी जगहें कम ही देखने मिलती हैं जहाँ सचमुच सकारात्मक ऊर्जा मिल रही हो। आज हम बताने जा रहे हैं ऐसे स्थान के बारे में जो न ही कोई मंदिर है, न मस्जिद है और न ही कोई गुरुद्वारे का स्थान है, इसके बाद भी लाखों लोगों का भला होता है। वह स्थान है सतलोक आश्रम किठोदा, इंदौर। लाखों लोगों की क्षमता का यह आश्रम 6.6 एकड़ पर बना हुआ है। आपको जानकर हैरानी होगी कि यहाँ सर्व सुख सुविधाएं शुल्करहित हैं। आइए जानें क्या-क्या है सतलोक आश्रम इंदौर में। पूर्ण परमेश्वर के सान्निध्य में ले जाता ये आश्रम किसी अजूबे से कम नहीं है।
कबीर साहेब प्रकट दिवस की जानकारी
मध्यप्रदेश की व्यावसायिक राजधानी और मिनी मुंबई के ना नाम से मशहूर इंदौर स्थित सतलोक आश्रम किठोदा इंदौर में कबीर परमेश्वर के प्रकट दिवस की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। यह भव्य कार्यक्रम आगामी 2-3 व 4 जून को मनाया जाएगा जिसकी प्रत्येक अपडेट पाने के लिए क्लिक करें।
सतलोक आश्रम इंदौर कैसे जाएं
सतलोक आश्रम इंदौर, किठोदा, तहसील सांवेर, जिला इंदौर, मध्यप्रदेश में स्थित है। इस आश्रम को इंदौर-उज्जैन रोड या मुंबई-जयपुर रोड से जाया जा सकता है। सतलोक आश्रम इंदौर ट्रेन एवं बस अथवा निजी परिवहन के प्रयोग से जाया जा सकता है। इंदौर की सीमा के अंदर स्थित इस आश्रम की दूरी उज्जैन से 18 किलोमीटर, इंदौर एवं देवास से 35 किलोमीटर है। यह इंदौर-उज्जैन हाईवे पर पाइप फैक्ट्री के पास स्थित है।
सतलोक आश्रम इंदौर में सुविधाएं
इस आश्रम में निशुल्क सुख सुविधाओं की कमी नहीं है। यहां पर निशुल्क भोजन, निशुल्क सत्संग, निशुल्क चिकित्सा उपलब्ध है। ये सभी सुविधाएं भक्ति एवं भक्त दोनों के लिए ही वरदान हैं। आइए जानें इस आश्रम में क्या क्या अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं।
भंडारघर में है प्रसाद भंडारा
ऐसा आश्रम जहाँ हजारों व्यक्ति आ सकते हो उनके दैनिक उपयोग की वस्तुएं, आवश्यक वस्तुएँ एवं अनाज आदि के भंडार की आश्रम में ही अलग व्यवस्था है। भंडारघर में बड़ी बड़ी भट्टियों में सेवादारों के माध्यम से प्रतिदिन प्रसाद तैयार होता है। प्रकट दिवस, बोध दिवस जैसे ख़ास अवसरों पर शुद्ध घी से बना बूंदी प्रसाद भी तैयार होता है। खास बात ये है कि आश्रम में केवल शुद्ध घी का इस्तेमाल किया जाता है। रोटियों को बनाने एवं आटा गूँथने की मशीन भी यहां है जिससे आसानी से भोजन प्रसाद तैयार होता है। सेवादारों द्वारा प्रेम भाव से तैयार किया यह भोजन प्रसाद सात्विक आहार की उत्तम श्रेणी का होता है। भंडारा सेट लगभग 87,500 की संख्या में उपलब्ध हैं।
शौचालय एवं स्नानगृह की भिन्न व्यवस्था
आश्रम में पुरुष भक्त भगत कहे जाते हैं एवं स्त्री भक्त भक्तमतियाँ कही जाती हैं। यहां इनके ठहरने, सोने, भोजन एवं शौच की अलग अलग व्यवस्था होती है। पुरुष भक्तों एवं महिला भक्तमतियों के लिए अलग अलग शौचालय की व्यवस्था होती है। इन शौचालयों की साफ सफाई का पूरा ध्यान सेवादारों द्वारा रखा जाता है। यहाँ साबुन, डिटर्जेंट, मंजन से लेकर तेल तक प्रचुर मात्रा में भक्तों एवं भक्तमतियों के लिए रखा जाता है। यहाँ ठंड के समय मे गर्म पानी के लिए बॉयलर उपलब्ध रहता है जिससे नहाने एवं अन्य कार्यों में असुविधा न हो।
जूताघर की सुविधाजनक व्यवस्था
आश्रम में कदम रखते ही जूता घर की व्यवस्था है जहाँ जूते जमा करके टोकन प्राप्त किया जा सकता है जिसे पुनः जूते वापस लेने के समय देकर जूते प्राप्त किये जा सकते हैं। इस स्थान पर सेवादारों की आधीनता स्पष्ट देखी जा सकती है जहाँ वे बड़े ही विनम्र भाव से जूते रखते हैं। इंदौर आश्रम में एक लाख से अधिक जूते रखे जाने की व्यवस्था है।
बिजलीघर एवं चार्जिंग प्वाइंट की सुचारू व्यवस्था
जब इतने अधिक लोगों की क्षमता वाले आश्रम है तो ऐसे में बिजली की आपूर्ति की व्यवस्था भी होना उचित जान पड़ता है। सतलोक आश्रम इंदौर में जनरेटर की सुविधा उपलब्ध है जिसका प्रयोग बिजली जाने के बाद किया जा सकता है। आश्रम में भक्तों के मोबाइल व लैपटॉप के चार्जिंग के लिए भक्तों एवं भक्तमतियों के लिए चार्जिंग स्थल की अलग अलग व्यवस्था है।
पीने के लिए आरओ प्लांट की उत्तम व्यवस्था
आश्रम में उत्तम पीने के पानी के लिए दो आरओ प्लांट की व्यवस्था की गई है। दोनों ही आरओ से शुद्ध पेय जल का लाभ लिया जाता है। प्रकट दिवस एवं बोध दिवस जैसे खास अवसरों पर प्रतिदिन डेढ़ से दो लाख भक्त आश्रम आते हैं। दो बड़े आरओ प्लांट से इतनी संगत की पानी की आवश्यकता की पूर्ति आसानी से करते हैं।
सीसीटीवी कंट्रोल रूम रखता है सब पर नज़र
सतलोक आश्रम इंदौर में संगत के संचालन एवं निगरानी हेतु सीसीटीवी कंट्रोल रूम के लिए अलग कक्ष की व्यवस्था है। इसमें संचालन और निगरानी के लिए सेवादार उपस्थित रहते हैं। सीसीटीवी के अतिरिक्त सिक्योरिटी सेवादार भी अपने अपने स्थान पर निर्धारित समय पर तैनात रहते हैं।
पार्किंग के लिए अलग है व्यवस्था
सतलोक आश्रम इंदौर बड़ा है इसलिए यहां काफी ज्यादा संगत आ जा सकती है इसलिए यहां पार्किंग की भी पर्याप्त व्यवस्था है। आवागमन की सुचारू व्यवस्था चलाये रखने के लिए पार्किंग एरिया की व्यवस्था की गई है। यहाँ हर आने जाने वाली गाड़ी को पार्क करने एवं संचालित करने की व्यवस्था सेवादार संभालते हैं।
सतलोक आश्रम में शानदार पुस्तकालय
पुस्तकें जीवन मे अहम भूमिका निभाती हैं एवं इन्हीं पुस्तकों से लोगों के जीवन बदले हैं। इनमें कुछ पुस्तकें इंटरनेट पर सबसे ज्यादा डाउनलोड की जाने वाली पुस्तकें हैं। इन पुस्तकों ने न केवल लोगों का जीवन बदला है बल्कि उन्हें नशामुक्ति एवं दहेजमुक्ति जैसे समाजोपयोगी कार्यों की ओर भी बढ़ाया है। पुस्तकालय में अनेक पुस्तकें उपलब्ध हैं जिन्हें वहीं बैठकर पढ़ा जा सकता है और अत्यंत कम दामों पर खरीदा भी जा सकता है। ये पुस्तकें हिंदी एवं अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में उपलब्ध हैं। पुस्तक ‘ज्ञान गंगा’ एवं ‘जीने की राह’ सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली पुस्तकें हैं जिनका 13 भाषाओं में अनुवाद किया गया है। गीता, बाइबल, क़ुरान, गुरु ग्रन्थ साहेब, वेदों पर आधारित ये पुस्तकें निश्चित ही पठनीय हैं।
चिकित्सा की सुविधा
आश्रम में चौबीसों घण्टों में कभी भी प्राथमिक चिकित्सा की आवश्यकता पड़ने पर चिकित्सा की सुविधा भी उपलब्ध है। दूर दूर से यात्रा के पश्चात आने पर भी कई बार प्राथमिक चिकित्सा की आवश्यकता पड़ जाती है। सभी के लिए यह सुविधा निशुल्क उपलब्ध है।
निशुल्क नामदान केंद्र से हो रहे उपकार
आश्रम में निःशुल्क नामदान केंद्र की व्यवस्था है। सन्त रामपाल जी महाराज द्वारा यहां भक्तों एवं भक्तमतियों को निःशुल्क नामदीक्षा दी जाती है। नामदीक्षा के पश्चात व्यक्ति का आध्यात्मिक जन्म होता है एवं उसकी धर्मग्रन्थों के अनुसार आध्यात्मिक यात्रा प्रारंभ हो जाती है। नामदीक्षा के पश्चात हजारों लोगों ने अपनी बीमारी, प्रेत बाधा से छुटकारा पाया है। मरते हुए लोगों को जीवन की रोशनी सन्त रामपाल जी महाराज ने दी है। नामदान प्राप्त करने के बाद लोगों ने अनोखे चमत्कार महसूस किए हैं।
दरबार साहेब में लें प्रणाम यज्ञ का फल
गीता के अध्याय 4 के श्लोक 34 में तत्वदर्शी सन्त को दण्डवत प्रणाम करने के लिए कहा गया है। आदरणीय सन्त गरीबदास जी महाराज ने भी प्रणाम यज्ञ भक्ति मार्ग में अनिवार्य बताया है। अपने गुरुदेव एवं परमेश्वर के समक्ष दंडवत प्रणाम करने से प्रणाम यज्ञ का फल प्राप्त होता है साथ ही कई प्रकार के पाप भी समाप्त होते हैं। सतलोक आश्रम इंदौर में विशाल दरबार साहेब बनाया गया है जहाँ भाइयों एवं बहनों के लिए अलग अलग प्रणाम स्थल की व्यवस्था है।
सत्संग स्थल में धुलते हैं पाप
सत्संग सुनने से ज्ञान यज्ञ का फल प्राप्त होता है। कबीर साहेब ने कहा है –
“सत्संग की आधी घड़ी, तप के वर्ष हजार |
तो भी बराबर हैं नहीं कहें कबीर विचार ||”
ऐसे पवित्र आश्रम में सन्त रामपाल जी महाराज के शास्त्रों पर आधारित परम आध्यात्मिक सत्संगों का लाभ लेने के लिए सत्संग स्थल की व्यवस्था है। सत्संग स्थल पर भक्तों एवं भक्तमतियों के लिए पंडाल की अलग अलग व्यवस्था है जहाँ बैठकर सत्संग का लाभ उठाया जा सकता है।
पाठियों के लिए अलग व्यवस्था
सतलोक आश्रम इंदौर में कबीर साहेब के प्रकट दिवस पर, कबीर साहेब द्वारा काशी में भंडारे के उपलक्ष्य में, आदरणीय सन्त गरीबदास जी महाराज एवं सन्त रामपाल जी महाराज के बोध दिवस के उपलक्ष्य में पाठ का आयोजन होता है। यहाँ भक्त एवं भक्तमतियों के लिए अखंड पाठ का आयोजन किया जाता है। इस अखंड पाठ में भक्त एवं भक्तमति पाठियों की अलग व्यवस्था होती है।
सन्त रामपाल जी बना रहे हैं धरती स्वर्ग समान
सन्त रामपाल जी महाराज ने इस पृथ्वी को स्वर्ग समान बनाने का बीड़ा उठाया था और इसे करके दिखा रहे है। जिस तेजी से उनका ज्ञान समझकर लोग उनसे जुड़ने लगे हैं और सतभक्ति की ओर लग रहे हैं उस तेजी से आज तक इतिहास का कोई काम नहीं हुआ है। सन्त रामपाल जी महाराज ने मानवता पर आधारित तत्वज्ञान दिया जिसमें क़ुरान, बाइबल, वेद, गुरु ग्रन्थ साहेब सभी धर्मों के धार्मिक ग्रन्थों को आधारशिला बनाया गया है। आज लोग नशा, चोरी, डकैती, दहेज, भ्रष्टाचार, मांसाहार, असत्य वचन छोड़कर सत्य, भक्ति की ओर अग्रसर हो रहे हैं। ऐसा निर्मल समाज तैयार हो रहा है जहाँ सिगरेट शराब को लोग हाथ भी नहीं लगते और दहेज को ज़हर समझते हैं। बेटियां सर्वगुण सम्पन्न बेटों के साथ बिना दिखावे के समाज के मध्य सुखी विवाहित जीवन व्यतीत कर रही हैं। ऐसे निर्मल समाज की स्थापना का श्रेय महान सन्त रामपाल जी महाराज को जाता है जिनके सदवचनों की प्रेरणा से लोग अध्यात्म की ओर बढ़ रहे हैं एवं भौतिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक लाभ उठा रहे हैं।
सतलोक आश्रम दिलाते हैं सतलोक की याद
सतलोक आश्रम इंदौर की ही तरह सतलोक आश्रम भिवानी, शामली, पंजाब, सोजत, कुरुक्षेत्र, मुंडका, रोहतक आदि हैं जहाँ इसी तरह की सुविधाएं निशुल्क उपलब्ध हैं। ये आश्रम उस अमर स्थान सतलोक की याद दिलाते हैं जहाँ हमारी आत्मा का स्थान था। वहां बिना कार्य किये फल प्राप्ति होती थी। इन आश्रमों की सुचारू व्यवस्था सन्त रामपाल जी महाराज ने इसलिए करवाई है ताकि हम सत्संग का लाभ ले सकें एवं पूर्ण तत्वदर्शी सन्त रामपाल जी महाराज से दीक्षा प्राप्त कर उस अमर धाम सतलोक जाएं। अधिक जानकारी के लिए अवश्य देखें सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल या निशुल्क पुस्तकें पढ़ें सन्त रामपाल जी महाराज एप्प पर।