पृथ्वी पर अगर कहीं आपको सतलोक (अमर सनातन धाम) देखना है, तो इस आश्रम में जाकर देख सकते हैं, ये सिंहपुरा आश्रम जो कि रोहतक आउटर रिंग रोड, जींद रोहतक और हिसार रोड पर स्थित है, यहां पर एक ऐसा भंडारा चल रहा है जो कभी समाप्त नहीं होता। यहां सत्संग सुनने वाले भक्त आत्माओं को खाना, पीना, रहना, नहाना कपड़ा धोने के लिए साबुन इत्यादि सभी चीजें बिल्कुल मुफ्त प्रदान की जाती हैं। यही कारण है कि यह आश्रम हमेशा चर्चा का विषय बना हुआ है आइए जानते हैं विस्तार से क्या-क्या सुविधाएं हैं इस आश्रम में।
कबीर प्रकट दिवस की जानकारी
आगामी 2, 3 व 4 जून 2023 को कबीर परमेश्वर के प्रकट दिवस के उपलक्ष्य में सतलोक आश्रम सिंहपुरा रोहतक (हरियाणा) में तीन दिवसीय विशाल कार्यक्रम जैसे अखंड पाठ, अखंड भण्डारे का आयोजन किया जाएगा। जिसका लाइव अपडेट आप देख सकते हैं
सिंहपुरा आश्रम रोहतक का पूरा पता
यह रोहतक आउटर रिंग रोड पर, जींद रोहतक और हिसार रोड पर स्थित है। आदि सनातन पंत के पुनरुत्थान के प्रति समर्पित यह आश्रम, हिंदुस्तान को विश्व में एक नई पहचान दिला रहा है, यहां पर होने वाले आध्यात्मिक यज्ञ विश्व चर्चित बने हुए हैं। आइए जानते हैं यहां पर होने वाली क्रियाकलापों और अध्यात्मिक यज्ञों और सुख सुविधाओं के बारे में।
सिंहपुरा रोहतक आश्रम कितना बड़ा है?
सिंहपुरा आश्रम जो की 6 बीघा में फैला हुआ है।की शुरुआत एक 17 फुट के बड़े गेट के साथ होती है। आश्रम अपनी बनावट के साथ-साथ अपनी सादगी के लिए जाना जाता है। जहां पर हमें हर कोई सभ्य सुशील और साधारण वस्त्र धारण किए हुए ही नजर आते हैं।
सिंहपुरा आश्रम में क्या क्या सुविधाएं है?
सिंहपुरा आश्रम में कई तरह की सुविधाएं है जैसे
- आश्रम के ठीक सामने एक पार्किंग जगह है, जो कि त्रिकोणीय आकार में हैं। यहां सत्संग पाठ इत्यादि समय पर आने वाले भक्तजनों की गाड़ियों को पार्क करने के लिए व्यवस्था बनाई गई है ताकि रिंग रोड पर निकलने वाले किसी भी वाहन को किसी प्रकार की असुविधा ना हो।
- आश्रम का तलाशी रूम
जैसे ही हम आश्रम में प्रवेश करते हैं बीड़ी तंबाकू शराब सिगरेट चमड़े की कोई वर्जित वस्तु आश्रम के अंदर ना पहुंचे इसके लिए, माताओं बहनों के लिए माताओं बहनों द्वारा चेकिंग के लिए एक तलाशी रूम की व्यवस्था की गई है।
- सेवादारों के लिए शौचालय व स्नानघर
जो सेवादार आश्रम आश्रम में ही रहते हैं उनके नहाने धोने के लिए अलग व्यवस्था की गई है। यहां पर सभी सेवादारों को निशुल्क साबुन मौसम अनुसार ठंडा गरम पानी कोलगेट इत्यादि चीजें निशुल्क प्रदान की जाती हैं जिनका कभी कोई शुल्क नहीं लिया जाता।
- पानी गर्म के लिए बॉयलर
सर्दियों के मौसम में, खाने-पीने, नहाने धोने के लिए गर्म पानी की आवश्यकता होती है। इसके लिए आश्रम में बॉयलर की व्यवस्था उपलब्ध है। आवश्यकता पड़ने पर यह बॉयलर किसी भी मौसम में भक्तजनों की सेवा के लिए कभी भी उपयोग में लिए जा सकते हैं।
- माताओं बहनों के लिए स्नानघर व शौचालय
माताओं बहनों के लिए, माताओं बहनों वाले पंडाल की तरफ शौचालय व स्नानघर बनाए गए हैं, यहां पर भी मौसम ठंडा, गरम, पानी, साबुन, कोलगेट इत्यादि निशुल्क प्रदान किए जाते हैं यहां की सेवा सिर्फ माताएं बहने ही देखती हैं।
- एक अलग से मोबाइल चार्जिंग स्थल है जहां पर श्रद्धालु अपने मोबाइल चार्जिंग पर लगा सकते हैं, सत्संग पाठ के दौरान आने वाले भक्तजन काफी दूर-दूर से आते हैं इस कारण उनके मोबाइल डिस्चार्ज हो जाते हैं। यहां पर उनके मोबाइल को सुरक्षा पूर्वक चार्ज करने की 24 घंटे व्यवस्था है ताकि किसी भी भक्तजनों को मोबाइल से संबंधित कोई भी असुविधा ना हो।
- जनरेटर रूम
आश्रम में 30*15 फुट का एक अलग से जनरेटर रूम बनाया गया है। ताकि जरूरत वाली चीजों के लिए सुचारू रूप से बिजली प्राप्त हो सके और सत्संग, मोबाइल चार्जिंग या अन्य किसी कार्य के लिए कोई बाधा ना पहुंचे।
- भगतो के लिए अलग से शौचालय व स्नानघर की व्यवस्था अलग की गई है जहां पर आपको नहाने के साबुन, कपड़े धोने के साबुन, तेल, कोलगेट इत्यादि सभी चीजें बिल्कुल निशुल्क प्रदान की जाती हैं। इन सभी चीजों के भंडारे भरे रहते हैं।
- आश्रम में एक पांडाल है। जहां पर भक्त आत्माएं बैठकर सत्यनारायण की कथा (पूर्ण ब्रह्म परमेश्वर कबीर साहेब का सत्संग) सुनते हैं और ज्ञान यज्ञ के द्वारा मनुष्य जीवन के मूल उद्देश्य को पहचानते हैं।
- चिकित्सालय की व्यवस्था
प्राथमिक चिकित्सा के लिए अलग से चिकित्सालय बनाया गया है। हिंदुस्तान के किसी भी कोने से सत्संग सुनने आने वाले व्यक्तियों को अगर कोई उल्टी दस्त हल्का फुल्का बुखार या किसी भी प्रकार की कोई छोटी मोटी समस्या होती है तो उसके लिए प्राथमिक चिकित्सा की भी व्यवस्था की गई है।
- जूता घर
सभी भक्तों आत्माओं के जूते और चप्पल रखने के लिए एक जूता घर की व्यवस्था की गई है। यहां पर जूता सेवादार सत्संग में आने वाले सभी पुण्य आत्माओं के जूते चप्पलों को पूरी सुविधा के साथ रखने, व सत्संग सुनकर जाने वाले सभी भक्तों को वापस देने के लिए दिन-रात तत्पर रहते हैं।
- प्रणाम स्थल
श्रीमद भगवत गीता अध्याय 4 श्लोक 34 में तत्वदर्शी संत को दंडवत प्रणाम के बारे में कहा गया है, शास्त्र अनुकूल साधना के लिए एक प्रणाम स्थल बनाया गया है जहां पर सभी श्रद्धालुजन दंडवत प्रणाम कर सकते हैं। क्योंकि संत की तरफ एक कदम बढ़ाने और उसे दंडवत प्रणाम करने से बहुत लाभ मिलते हैं।
संत मिलन को चालिए, तज माया अभिमान ।
जो जो पग आगे धरे, त्यों त्यों यज्ञ समान।।
कबीर परमेश्वर जी ने हमें समझाते हुए बताया है, सतगुरु की तरफ जितने भी कदम बढ़ाते हैं वह सभी एक एक यज्ञ का पुण्य फल देते हैं।
साधु मिले तो एक फल, संत मिले फल चार ।
सतगुरु मिले अनंत फल, कहे कबीर विचार।।
कबीर साहिब जी कहते हैं, जरा विचार करके देखिए किस शब्द गुरु के मिलने पर कितना लाभ मिलता है।
- पुस्तकालय
पवित्र हिंदू, पवित्र मुस्लिम, पवित्र सिख, पवित्र ईसाई, पवित्र सभी धर्मों, की पुस्तकों से प्रमाणित ज्ञान के आधार पर बनी पुस्तको से पुस्तकालय बनाया गया है जहां पर हमें ज्ञान गंगा, गीता तेरा ज्ञान अमृत, जीने की राह, कबीर परमेश्वर, भक्ति से भगवान तक, गहरी नजर में, मुसलमान नहीं समझे ज्ञान कुरान जैसी और अन्य भी कई पवित्र पुस्तकें प्राप्त होती हैं। पुस्तकों से हम ज्ञानार्जन करके पूर्ण परमेश्वर की प्राप्ति कर सकते हैं।
- नामदान स्थल
एक नाम दान स्थल केंद्र भी यहां है, ताकि जो भी श्रद्धालु तत्वदर्शी संत “संत रामपाल जी महाराज जी” के ज्ञान को समझ कर सत भक्ति करना चाहते हैं, गुरुजी से नाम दीक्षा लेना चाहते हैं ऐसे लोगों को सभी नियम व मर्यादा बताकर सतगुरु जी से नाम दीक्षा दिलवाई जा सके।
नाम दान स्थल के दोनों ही कमरों में अलग-अलग सेवादार होते हैं। माताओं बहनों वाले कक्ष में माताएं बहने सेवादार होती हैं और भगत भाइयों वाले कक्ष में भगत भाई सेवादार होते हैं। दोनों को अलग-अलग स्थान पर नाम दीक्षा दिलाई जाती है। जहां पर पवित्र सभी सभी ग्रंथों के अनुसार और प्रमाणित, सत भक्ति व सभी देवी देवताओं की शास्त्र अनुकूल साधना की जाती है।
- भंडार घर
आश्रम में एक भंडार घर भी है, इसके साथ साथ हाईवे के पास भी भंडारे की व्यवस्था है। कुल मिलाकर आश्रम में भंडारे की एक बहुत अच्छी व्यवस्था प्राप्त होती है। यहां का भंडारा कभी समाप्त नहीं होता चाहे कितने भी लोग आ जाएं क्योंकि यह भंडारा पूर्ण परमेश्वर कबीर साहिब द्वारा, सतलोक से लाया जाता है।
- बहनों का दरबार साहेब
बहनों का अलग से दरबार साहेब भी यहां लगाया गया है। जहां पर माताएं बहने अमर ग्रंथ साहिब का पाठ करती हैं। जिसकी सबसे अच्छी खासियत यह है कि यहां पर किसी भी प्रकार का जाति भेद, ऊंच-नीच, अमीर गरीब किसी भी प्रकार का कोई भी भेदभाव नहीं है जो भी माताएं बहने पढ़ी-लिखी हैं दीक्षित हैं उनमें से कोई भी इस अमर ग्रंथ साहिब को पढ़ सकता है।
- रोटी बनाने के लिए मशीनें और भट्टियां
रोटियां बनाने के लिए यहां मशीनों का प्रयोग किया जाता है, पाठ प्रकाश के समय पर भक्त जनों की संख्या काफी ज्यादा होती है इसीलिए यह सुविधा उपलब्ध है, बड़ी-बड़ी भट्टियों के माध्यम से माताओं बहनों भाइयों के लिए भंडारा तैयार होता है। यहां पर पर्याप्त मात्रा में एग्जॉस्ट फैन भी लगाए गए हैं। यह भंडारा कभी भी खत्म नहीं होता। भंडारा हमेशा शुद्ध देसी घी का ही बनता है चाहे सब्जी हो। रोटियों पर भी शुद्ध देसी घी लगाया जाता है हलवा राम बूंदी राम इत्यादि का प्रसाद भी शुद्ध देसी घी से ही बनता है जो अत्यंत ही मनमोहक और आनंददायक है और पृथ्वी का सबसे अनमोल भोज्य पदार्थ है।
पार्किंग एरिया के अंदर
जैसा कि बताया गया है कि आश्रम के ठीक सामने एक पार्किंग जगह है जो रोड के दूसरी तरफ स्थित है। पार्किंग स्थान में भी कई तरह को व्यवस्था है जैसे
- पार्किंग एरिया के अंदर अलग से जूतों की सेवा के लिए जूता घर की व्यवस्था की गई है। क्योंकि कभी-कभी पाठ प्रकाश के समय संगत बहुत ज्यादा आ जाती है इसलिए किसी भी प्रकार की असुविधा ना हो इसीलिए यह व्यवस्था अलग से की गई है।
- शौचालय के लिए अलग से व्यवस्था की गई है, ताकि आसपास के क्षेत्र में किसी भी प्रकार की कोई गंदगी ना फैले, हम देखते हैं आश्रम और आश्रम के आसपास के क्षेत्र में किसी भी प्रकार की कोई भी गंदगी देखने को नहीं मिलती है।
- यहां पर स्नानघर हैं, यह स्नानघर इसलिए बनवाए गए हैं ताकि बाहर से आने वाले किसी भी भक्तजन को सेवादारों द्वारा कोई सी भी प्रकार की असुविधा ना हो, यहां पर साबुन कोलगेट इत्यादि की निशुल्क सुविधा दी जाती है
- पेशाब घर भी पार्किंग स्थल में है। यह सभी पेशाब घर इसलिए यहां बनाए गए हैं ताकि कहीं भी किसी भी प्रकार की गंदगी ना फैले।
कौन है इस आश्रम का संचालक? और क्यों यह आश्रम चर्चा का विषय बना हुआ है।
बड़े ही कमाल की बात है जिस संत से उसका एक आश्रम छीन लिया हो और मुस्कुरा कर उस संत ने अपना आश्रम भी दे दिया हो आज उसके पास इस प्रकार के कई एक आश्रम है। ऐसी महान सोच रखने वाले परम संत सतगुरु बाखबर जगतगुरु कोई और नहीं तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ही हैं जिनका कहना है।
सत ना छोड़े सूरमा, सत छोड़े पत जा।
सत के बांदे लक्ष्मी,फेर मिलेगी आ।।
लोगों ने बहुत कुछ कहा किंतु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ने सत्य कहना नहीं छोड़ा यही कारण है कि आज उनके पास इतने आश्रम हैं। और “पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब” “आदि राम कबीर” की दया से इन सभी आश्रमों में लगातार भंडारे चलते रहते हैं। इन सभी आश्रमों में सभी प्रकार की सुख सुविधाएं मौजूद हैं। इसी कारण यह आश्रम भी चर्चा का विषय बना हुआ है क्योंकि यहां की सुख सुविधाएं और भंडारा कभी भी समाप्त नहीं होता चाहे सेवादार कम हो या ज्यादा, कुछ लोगों से इस बारे में जानना चाहा तो उन्होंने कहा कि यहां के लिए भंडारा सतलोक से आता है। पूर्ण परमेश्वर कबीर साहिब इस भंडारे की पूर्ति करते हैं।
आश्रमों से होगा युग परिवर्तन
संत रामपाल जी महाराज के आश्रमों से आयोजित किए जाने वाले सत्संगो के माध्यम से पूरे विश्व में आदि सनातन पंथ का उत्थान किया जा रहा है। सभी धर्मो के भाई बहनों के अंदर प्रेम भाईचारा प्रकट करके उनको उन सभी के सभी ग्रंथों से प्रमाणित करके, उनके समक्ष सच्चा ज्ञान रखा जा रहा है। जिसके फल स्वरुप संत रामपाल जी महाराज जी से नाम दीक्षा लेने वाले, प्रत्येक धर्म जाति मजहब के लोगों की संख्या दिन ब दिन बढ़ती चली जा रही है और अब ऐसा प्रतीत हो रहा है संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में हिंदुस्तान विश्व गुरु और विश्व की सबसे बड़ी महाशक्ति बनेगा। उन्हीं के द्वारा बताए गए नियम से समस्त विश्व का संचालन किया जाएगा । प्रत्येक व्यक्ति सुखी होगा कोई भी भूखा नहीं सोएगा।
आपस में प्रेम भाईचारा होगा। क्योंकि हम देख रहे हैं दहेज और शादियों में फिजूल खर्च संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्यों ने बिल्कुल खत्म कर दिया है। वे बेहद ही सादगी पूर्ण तरीके से शादी करते हैं, तथा समाज में व्याप्त हर प्रकार की कुरीतियों प्रथाओं जिनसे हम अपने पैसे को पानी की तरह बहा रहे था उनको छोड़ रहे है। आश्चर्य की बात है वे सभी साधना है ना सिर्फ खर्चीली बल्कि शास्त्र विरुद्ध भी थी, ऐसी सभी साधनाओं को संत रामपाल जी महाराज के आदेशानुसार उनके सभी शिष्यों ने पूर्ण तरह बंद कर दिया है। नशा तो संत रामपाल जी महाराज जी का शिष्य बनने से पहले ही छूट जाता हैं जो बड़े ही आश्चर्य की बात है। बड़े-बड़े नशा मुक्ति केंद्र जिस काम को करने में असफल रहे, संत रामपाल जी महाराज जी के आशीर्वाद मात्र से चुटकी में बड़े से बड़े नशेबाजो का नशा छूट गया और उनके घर परिवार सुखी हो गए।
विश्व के सभी भाई बहनों से करबद्ध निवेदन
विश्व के सभी भाई बहनों हम सब एक परमेश्वर की संतान हैं। तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी ने “ज्ञान गंगा और जीने की राह” जैसी अमृत पुस्तकों के माध्यम से प्रमाणित करके बताया है, कि उस परमेश्वर का नाम कबीर (कबीर देव, ऑलमाइटी कबीर, अल्लाह कबीर, हक्का कबीर) है। आप सभी से प्रार्थना है कि आप “ज्ञान गंगा” पुस्तक को अवश्य पढ़ें, अपने-अपने सद ग्रंथों से मिलान करें। ज्ञान समझें तत्पश्चात नाम दीक्षा लेकर मर्यादा में रहकर भक्ति करें ताकि आपको इस जीवन में सुख समृद्धि शांति प्राप्त हो और आपको मनुष्य जीवन का मूल उद्देश्य मोक्ष प्राप्ति हो सकें।